उद्धव ठाकरे ने भीमा कारेगांव हिंसा मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज केस जल्द वापस लेने का किया फैसला

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray ) ने भीमा कारेगांव (bhima koregaon) हिंसा मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज केस के जल्द ही वापस लेने का फैसला किया है। एनसीपी (NCP) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद उद्धव ठाकरे (uddhav thackeray) ने यह फैसला लिया है। इस प्रतिनिधिमंडल में महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री जयंत पाटिल, छगन भुजबल और विधायक प्रकाश गजभियं शामिल थे। एनसीपी के विधायक प्रकाश गजभिये ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर भीमा कोरेगांव मामले में कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की मांग की थी।

गजभिये ने कहा, ‘कानून का पालन करने वाली एजेंसियों ने भीमा कोरेगांव मामले में कार्यकर्ताओं की कथित भागीदारी के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई शुरू कर दी थी। इन सभी को झूठे तरीके से फंसाया गया इसलिए हमने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि इनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को वापस लिया जाए और उन्होंने हमारे आग्रह को स्वीकार कर लिया।’

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद उद्धव ठाकरे ने राज्य के गृह मंत्रालय से आरे कॉलोनी में पेड़ काटे जाने का विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं और कोंकण में नाणार रिफाइनरी का विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं के खिलाफ आपराधिक मामलों को जल्द से जल्द वापस लेने को कहा था।

मालूम हो कि एक जनवरी 2018 को वर्ष 1818 में हुई कोरेगांव-भीमा (bhima koregaon) की लड़ाई को 200 साल पूरे हुए थे। इस दिन पुणे जिले के भीमा-कोरेगांव में दलित समुदाय के लोग पेशवा की सेना पर ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना की जीत का जश्न मनाते हैं। इस दिन दलित संगठनों ने एक जुलूस निकाला था। इसी दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।