अब इंटरनेट के बगैर भी कर सकते है फोन से लेन- देन, जानिए पूरा तरीका

आवाज के जरिये वित्तीय लेनदेन जल्द ही एक वास्तविकता बनने जा रहा है. रिजर्व बैंक ने इस तरह के भुगतान के लिए हार्डवेयर-एग्नॉस्टिक ध्वनि तरंग आधारित तकनीकी समाधान प्रदाता टोनटैग को मंजूरी दे दी है. कंपनी ने मंगलवार को कहा कि टोनटैग ने खुदरा भुगतान के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के सैंडबॉक्स के तहत पहले दस्ते का परीक्षण चरण पूरा कर लिया है.

कंपनी ने कर्नाटक और बिहार के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में परीक्षण किया जिसमें 1,000 रुपये तक के लेनदेन शामिल थे. टोनटैग ने एक विज्ञप्ति में कहा कि उसने बिना इंटरनेट कनेक्टिविटी वाले क्षेत्रों में फीचर फोन और स्मार्ट फोन के माध्यम से ऑफलाइन आवाज-आधारित भुगतानों को सफलतापूर्वक पूरा किया है.

बेंगलुरु की कंपनी ने कहा कि इससे उन लोगों को लाभ होगा जो डिजिटल मंचों का इस्तेमाल करने के आदि नहीं हैं, या जिन्हें बैंकिंग या भुगतान के लिए एप का इस्तेमाल करना मुश्किल लगता है.

कंपनी ने कहा कि इस तरह यह नयी सुविधा डिजिटल भुगतान को सभी के लिए एक वास्तविकता बना देगी और यह तकनीक अब सेवा प्रदाताओं द्वारा अपनाए जाने के लिए तैयार है. कंपनी ने कहा कि टोनटैग अब 600 मिलियन से अधिक फीचर फोन यूजर्स के लिए डिजिटल पेमेंट को सक्षम करने के लिए तैयार है. कंपनी ने कहा कि उसने यह सुनिश्चित किया है कि तकनीक का उपयोग करना और समझना आसान हो.

टोनटैग ने आगे कहा कि प्रौद्योगिकी पहले से ही मौजूद है, हमें आरबीआइ से मंजूरी मिल गयी है. अब विनियमित संस्थाएं इस तकनीक को आसानी से अपना सकती हैं.

टोनटैग ने कहा कि उसे कई भारतीय और वैश्विक पेटेंट प्राप्त हुए हैं, जिससे उसे भारत और अन्य भौगोलिक क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर आइपी मोट मिल गया है. इसने रिटेलपॉड्स भी लॉन्च किया है, जो एक ऐसा उपकरण जो खुदरा विक्रेताओं या अन्य विक्रेताओं को किसी भी सुविधा या स्मार्ट फोन के माध्यम से पेमेंट स्वीकार करने और आवाज-आधारित पावती या भुगतान पुष्टि प्राप्त करने की अनुमति देता है.