आज हमारी धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला है उल्कापिंड,, हो सकता है खरनाक

आर्य भट्ट प्रेक्षण विज्ञान एवं शोध संस्थान (एरीज) के वरिष्ठ खगोल वैज्ञानिक डाक्टर शशि भूषण पांडे के अनुसार बुधवार को पृथ्वी के करीब से गुजरने वाले उल्कापिंड की प्रक्रिया एक खगोलीय घटना है.

 

उन्होंने बोला कि 1998ओआरटू नाम से प्रचलित यह उल्कापिंड हवाईद्वीप समूह पर नीट नामक कार्यक्रम के तहत खोजा गया था.

ग्रह के पृथ्वी के पास से गुजरने की प्रक्रिया खासी रोचक होती है. जिससे खासी जानकारियां तथा अनुसंधान की विषयवस्तु एकत्र की जा सकती है. यह माना जा रहा है कि यह उल्कापिंड आज यानी बुधवार को पृथ्वी व चंद्रमा के बीच की दूरी के 16 गुना अधिक दूरी से गुजरेगा.

प्रो। पांडे के अनुसार इससे पहले भी ऐसी स्थिति बनी है. अप्रैल 2017 में पृथ्वी के बहुत ज्यादा समीप से एक उल्कापिंड गुजर चुका है.

इसलिए इसमें घबराने की आवश्यकता नहीं है. हालांकि इस बार गुजरने वाला उल्कापिंड बहुत ज्यादा दूर से गुजर रहा है. उन्होंने बताया कि इसके पृथ्वी से टकराने की बिलकुल भी आसार नहीं है.

धरती के बेहद करीब से गुजरने वाला उल्कापिंड शोध में अहम साबित होगा. इसके बारे में जानकारियां एकत्र करने को लेकर वैज्ञानिकों के साथ ही विज्ञान से जुड़े शोधार्थियों में खासी उत्सुकता बनी हुई है.

हालांकि 19 हजार किमी की गति से गुजरने वाले इस उल्कापिंड को लेकर कई अफवाहें फैलाई जा रही थी. बोला जा रहा था कि 29 अप्रैल के बाद दुनियां समाप्त हो जाएगी. लेकिन खगोलीय वैज्ञानिकों ने इन बातों को अफ़वाह बताया है.