आज हो सकती है मोदी कैबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया की एंट्री, जाने पूरी खबर

माधवराव ने अपने बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया को दून स्कूल में पढ़ने को भेजा था। उन्हें लगता था कि सिंधिया स्कूल ग्वालियर में उनके बेटे को ज्यादा लाड़-प्यार मिलेगा। स्कूली शिक्षा पूरी होने पर वे ज्योतिरादित्य को अपने साथ दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज और इंग्लैंड के ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी लेकर गए।

 

ऑक्सफोर्ड में ज्योतिरादित्य का एडमिशन नहीं हो सका तो अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में उनका एडमिशन कराया।  साल 1991 में पढ़ाई पूरी करने के बाद ज्योतिरादित्य ने लॉस एंजिल्स में अंतरराष्ट्रीय कंपनी मैरिल लिंच के साथ अपने करियर की शुरुआत की।

दिल्ली से बुलावा आने पर ज्योतिरादित्य अपना एमपी दौरा बीच में ही छोड़कर राजधानी दिल्ली लौट गए। सिंधिया मंगलवार को महाकाल दर्शन के लिए उज्जैन आए। इस दौरान मीडिया ने उनसे पूछा कि आपको मंत्री पद के लिए दिल्ली बुलाया गया है तो इस पर सिंधिया ने कहा कि मुझे मालूम नहीं, कोई सूचना नहीं है।

हाल ही में कांग्रेस से भाजपा में आए सिंधिया के राजनीतिक सफर की शुरुआत 2002 में हुई। साल 2002 में पहली बार सांसद बने ज्योतिरादित्य ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद की थी।

18 सितंबर, 2001 को ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया की एक हवाई हादसे में मृत्यु हो गई थी। तब वे गुना से लोकसभा सांसद थे। ज्योतिरादित्य ने गुना सीट से पहली बार चुनाव लड़ा और फरवरी 2002 में साढ़े चार लाख से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) अपनी टीम का विस्तार करने जा रहे हैं। बहुप्रतीक्षित मोदी कैबिनेट का विस्तार संभवत: बुधवार शाम छह बजे होगा। नरेंद्र मोदी कैबिनेट विस्तार में इस बार नए चेहरों को जगह दिए जाने की अटकलें हैं।

इनमें सबसे अहम नाम है- ज्योतिरादित्य सिंधिया का। मध्य प्रदेश से भाजपा नेता ज्योतिरादित्यसिंधिया दिल्ली पहुंच गए हैं। मोदी कैबिनेट के संभावित नए चेहरों में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आए ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम लगभग तय माना जा रहा है।

जानकारी के मुताबिक ज्योतिरादित्य का मंत्री बनना तय है और उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में रेल मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपें जाने की अटकलें तेज हैं।