निर्भया के दोषियों को बचाने के लिए इस युवक ने राष्ट्रपति को लिखा लेटर, सुनकर आप भी हो जाएगे भावुक

इसके बाद दोषी विनय ने लिखा है कि सर मुझ गरीब पर इतना कुछ थोपा गया जो मैंने कभी सोचा नहीं था। वह सहा जो कोई सह नहीं सकता मरना होता तो कब का मौत को गले लगा चुका होता लेकिन जब से मेरे बूढ़े माता-पिता ने मुझसे जीने को कहा है .

 

उस दिन से मैंने मरने की छोड़ दी। मझे फांसी को छोड़कर जितनी भी सजा देंगे वह मुझे मंजूर होगी, मैं हर सजा खुशी-खुशी काटने को तैयार हूं।

लेकिन मुझे मेरे माता-पिता के लिए जिंदा छोड़ दो। सर बहुत दुख देखे हैं जीवन में। श्रीमान जी मेरी पहली और अंतिम गलती को माफ करके मुझे नया जीवन प्रदान करें।निर्भया के चारों अपराधियों को 1 फरवरी को फांसी के फंदे पर लटकाया जाएगा।

फांसी से बचने के लिए अपराधी कई कानूनी हथकंडे अपना रहे हैं। इसी बीच अपराधी विनय ने अपने हाथों से लिखकर राष्ट्रपति के पास लेटर दया याचिका के रुप में भेजी है। लेटर में विनय ने अपने बूढ़े माता-पिता की दुहाई दी है।

लेटर में विनय ने लिखा है कि सर, मैं अपने घर का बड़ा लड़का हूं। आपके पास मुझे जीवनदान देने का हक है मैं जेल में रहकर भी अपने बूढ़े मां बाप की सेवा कर सकता हूं।

माता-पिता धीरे-धीरे बुढ़ापे की ओर बढ़ रहे हैं। उनका मेरे अलावा और दूसरा कोई सहारा नहीं है। मेरे भीतर बहुत सुधार है। आप चाहे जो भी सजा देंगे उसे काटकर एक जिम्मेदार अच्छा नागरिक बन के निकलूंगा और अपनी मां बाप की बहुत सेवा करूंगा। कभी भी कुछ भी गलत नहीं करूंगा न ही गलत करने दूंगा।