18 वर्ष पहले जानिये कैसा था वो लम्हा जब आतंकवादी हमले में घिर गए थे आडवाणी समेत 100 सांसद

हमला (attack) किया था आतंकियों के संसद भवन पर किए हमले से पूरा देश सन्न रह गया था 13 दिसंबर 2001 (13 december 2001) को 5 हथियारबंद आतंकवादियों ने संसद भवन पर बमों  गोलियों से हमला किया था इस हमले में 14 लोग मारे गए थे इसमें हमले में शामिल 5 आतंकी भी थे 8 सुरक्षाकर्मी  1 माली भी इस हमले में शहीद हुए थे

लश्कर ए तैयब्बा  जैश ए मोहम्मद के आतंकवादियों ने पूरी तैयारी के साथ संसद भवन पर हमला कहा था उनके पास से सारे संसद भवन को उड़ा देने की क्षमता रखने वाले विस्फोटक पाए गए थे उनके पास इतने हथियार थे कि वो सैनिकों की एक बटालियन से मुकाबला कर सकते थे तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने इस आतंकवादी हमले की तुलना अमेरिका पर हुए 9/11 हमले से की थी संसद हमले से सिर्फ 3 महीने पहले ही अमेरिका में 9 सितंबर को सबसे बड़ा आतंकवादी हमला हुआ था

क्या हुआ था उस दिन
उस दिन विपक्ष के हंगामे की वजह से संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी इसके करीब 40 मिनट बाद 11 बजकर 20 मिनट पर आतंकी संसद परिसर में दाखिल हुए थे दोनों सदन के स्थगित होने की वजह से तत्कालीन पीएम वाजपेयी  सोनिया गांधी समेत कई नेता बाहर निकल चुके थे लेकिन गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी समेत 100 सांसद अब भी संसद भवन में उपस्थित थे

आने वाले भयावह पल के बारे में किसी को भी अंदाजा नहीं था उसी वक्त लाल बत्ती लगी सफेद रंग की एक एंबेस्डर कार घनघनाते हुए संसद मार्ग पर दौड़ी जा रही थी ये कार विजय चौक से बाएं घूमकर संसद भवन की तरफ बढ़ने लगी इसी बीच संसद भवन के सुरक्षा कर्मियों के वायरलेस सेट पर एक आवाज गूंजी उपराष्ट्रपति कृष्णकांत संसद भवन से घर के लिए निकलने वाले थे इसलिए उनकी कारों के काफिले को तय स्थान पर लगाने का आदेश दिया गया संसद भवन के गेट नंबर 11 के सामने सारी कारें लग गईं

उपराष्ट्रपति के काफिले से टकराई थी आतंकवादियों की कार
उस वक्त दिल्ली पुलिस के असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर जीतराम उपराष्ट्रपति के काफिले में एस्कॉर्ट वन कार में तैनात थे सफेद रंग की एबेस्डर कार तेजी से जीतराम की तरफ बढ़त दिखी संकरे रास्ते पर कार की गति कम होने की बजाए बढ़ती जा रही थी जीतराम के देखते-देखते वो कार बाईं ओर मुड़ गई उन्हें कार ड्राइवर की हरकत थोड़ी अजीब लगी कार में लाल बत्ती लगी थी गृहमंत्रालय का स्टीकर लगा था फिर भी वो बचकर भाग रही थी