कब्ज की समस्या से छूटकारा पाने के लिए करे ये आसान सा उपाय

मल के कैलप्रोटेक्टिन के बढ़े लेवल ने आईबीडी स्थिति की ओर इशारा किया. स्टडी ने पूर्व-आंत्र सिंड्रोम के रूप में IBS के साथ 19 मरीजों की पहचान की.

 

शोधकर्ताओं के अनुसार सभी प्रतिभागियों ने अधिक फैट वाले आहार का सेवन किया और इसके सात ही वो एंटीबायोटिक्स का सेवन भी कर रहे थे.

इसने पेट से जुड़े खतरों को 8.6 गुना ज्यादा बढ़ा दिया था. सबसे ज्यादा फैट खाने वाले प्रतिभागियों में सबसे कम फैट के सेवन की तुलना में पूर्व-आईबीडी होने की संभावना 2.8 गुना ज्यादा थी.

मगर हाई फैट आहार से आपको आंत की सूजन और कब्ज जैसे पेट से जुड़ी मुख्य परेशानियां भी हो सकती हैं. एक अध्ययन के अनुसार अगर आप अधिक तेल मसाले वाले खाने के साथ एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन करते हैं, तो ये पेट से जुड़ी परेशानियां उत्पन्न करती हैं, तो आइए

आज हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं.ये सिंड्रोम दुनिया के लगभग 11% लोगों को प्रभावित करता है. यह पेट में दर्द, सूजन और आंत्र की आदतों में बदलाव करके पेट में हमेशा कब्ज बनाए रखता है. आंत्र सिंड्रोम मरीजों में सूजन और आंत की माइक्रोबियल संरचना में बदलाव आईबीडी का एक घातक रूप माना जाता है.

शोध के अनुसार, अगर आप एंटीबायोटिक दवाओं के साथ फैट से भरपूर आहार करते हैं तो यह आपकी आंत्र सिंड्रोम (IBS) के लिए बेहद खतरनाक बन सकता है.

ज्यादा तेल-मसाले वाला खाना यानि कि हाई फैट आहार हमेशा से ही आपकी सेहत से जुड़ी कई समस्याओं की वजह माना जाता है. हाई फैट आहार का सेवन डायबिटीज, मोटापा, वजन बढ़ाने या हार्ट से संबंधित बीमारियों के खतरे को भी बढ़ावा दे सकता है.