पाकिस्तान के किसानों के लिए खतरे की घंटी, हुए ऐसे हालात

परामर्श के मुताबिक, बलूचिस्तान के मध्य और दक्षिणी जिलों में हल्के से मध्यम सूखे के हालात का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, सिंध के दक्षिणी-पूर्वी हिस्से भी सूखे की चपेट में हैं. इन इलाकों के संबंध में मौसम विभाग का मानना है कि सूखे के हालात और बदतर हो सकते हैं और इसका प्रभाव कृषि और पशुओं पर भी हो सकता है.

मौसम विभाग के प्रतिनिधित्व करने वाले सरदार सरफराज ने कहा कि ये एडवाइजरी वाटर मैनेजमेंट और एग्रीकल्चर से संबंधित स्टेकहोल्डर्स के लिए जारी की गई है. उन्होंने कहा कि इससे उन्हें आपदाग्रस्त इलाकों में तैयारी और योजना बनाने में मदद मिलेगी.

पाकिस्तान के मौसम विभाग ने चेताया है कि सिंध और बलूचिस्तान के भागों में सूखे के हालात और बिगड़ सकते हैं, जिसके चलते खेती की जमीन को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है.

मीडिया में आई खबर में यह जानकारी दी गई है. डॉन अखबार के मुताबिक, मौसम विभाग की इकाई राष्ट्रीय सूखा निगरानी केंद्र ने गुरुवार को परामर्श जारी कर किया है, जिसमें दिखाया गया है कि देश में अक्टूबर 2020 से जनवरी 2021 तक सामान्य से कम बारिश के चलते सूखे के हालात बने हैं.

कोरोना (Corona) और आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहे पाकिस्तान (Pakistan) के सामने एक और बड़ी समस्या आ खड़ी हुई है. पाकिस्तान में सूखे जैसे हालात (Drought like conditions in Pakistan) बन रहे हैं.

ये पाकिस्तान के किसानों के लिए खतरे की घंटी है. पाकिस्तान के दो प्रांत सिंध (Sindh) और बलूचिस्तान (Balochistan) के जिन हिस्सों में सूखे जैसी स्थितियां बन रही हैं उन्हें मानसून (Monsoon) से भी कोई उम्मीद नहीं है. मौसम विभाग (Meteorological Department) का कहना है कि इन प्रांतों में मानसून के समय भी आमतौर पर अच्छी बारिश (Rain) नहीं होती.