म्यांमार में रहने वाले अपने नागरिकों को ब्रिटेन ने दिया ये आदेश, कहा देश छोड़कर तुरंत लौटे

सेना ने चुनी हुई नेता आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) भी नए आरोप लगाए, जिन्हें उसने एक फरवरी को अपदस्थ कर दिया था. उनपर अवैध तरीके से 4.36 करोड़ रुपये की रिश्वत और 11 किलो सोना लेने का आरोप लगाया गया है.

 

सेना ने राजधानी नेपीता में एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सू की ने साल 2017-18 में अपने राजनीतिक सहयोगी यंगून के पूर्व मुख्यमंत्री फ्यो मिन तेन से अवैध तरीके से छह लाख अमेरिकी डॉलर और सोना हासिल किया था.

सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडयिर जनरल जॉ मिन तुन ने कहा कि फ्यो मिन तेन ने सू की को पैसे और सोना देने की बात स्वीकार की है. हालांकि उन्होंने कोई सबूत पेश नहीं किया.

इससे पहले ब्रिटेन ने कहा था कि म्यांमार में प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा बेहद घिनौनी है. साथ ही ब्रिटेन ने सैन्य नेताओं से लोकतंत्र को बहाल करने का आह्वान किया था.

एक दिन पहले ही म्यांमार के सुरक्षाबलों ने पिछले महीने हुए सैन्य तख्तापलट के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन (Myanmar Protests) कर रहे लोगों पर घातक बल प्रयोग रोकने की संयुक्त राष्ट्र की अपील को दरकिनार कर कम से कम 10 प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई, जिनकी मौत हो गई.

म्यांमार (Myanmar) में इस समय हालात बेहद खराब हैं. जिसपर संयुक्त राष्ट्र (United Nations) सहित दुनिया के कई देशों ने चिंता जताई है. अब ब्रिटेन (Britain) ने म्यांमार में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है.

म्यांमार में ब्रिटेन के दूतावास की ओर से कहा गया है, ‘म्यांमार में ब्रिटिश नागरिकों के लिए सलाह: जब तक आपके पास देश (म्यांमार) में रहने के लिए उचित कारण नहीं है.

आपको ये देश छोड़ देना चाहिए. दूतावास और ब्रिटेन की सरकार (British Government) म्यांमार में लोकतंत्र की वापसी का समर्थन करने और हिंसा को खत्म करने के लिए काम करते रहेंगे.’