इस मंदिर को बारिश आने का सात दिन पहले ही हो जाता है आभास व फिर…

कहते है भगवान कभी भी अपने भक्तों को दुःख नहीं देते है और वो अपने भक्तो को भक्ति से पहले ही वरदान दे देते है। ये मंदिर इतना विचित्र है कि यहाँ बारिश आने का आभास सात दिन पहले ही हो जाता है। ये मंदिर उत्तर प्रदेश के कानपुर जनपद में स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर है। और ये अपनी इस विचित्र विशेषता के लिए अत्यधिक प्रसिद्ध है। हालांकि इस मंदिर के बारे में बहुत से वैज्ञानिकों ने जानने की कोशिश भी की पर कुछ खास जानकारी हाथ नहीं लगी।

गौरतलब है कि ये मंदिर इतना रहस्य्मय है कि इसके बारे में केवल इतना पता चला है कि इसका अंतिम जीर्णद्वार ग्यारहवीं सदी में हुआ था उससे पहले किसने इस मंदिर का निर्माण किसने नीव रखी इसकी जानकारी किसी को भी नहीं है। पर एक बात तो तय है कि बारिश आने की सूचना से किसानों और लोगों को काफी राहत मिल जाती है।

इस मंदिर में कई भगवानो जैसे कि भगवान जगन्नाथ,बलदाऊ,बहन सुभद्रा और हा सूर्य देव और पद्मनाभम की मुर्तिया भी स्थापित है। इस मंदिर की दीवारे भी काफी मोटी है। पर जब मौसमी बारिश का समय आता है तब अचानक पत्थर से बारिश जैसी बुँदे टपकने लगती है। पर यहाँ भी एक विचित्र बात ये है कि बारिश शुरू होने पर ही पत्थर सूख जाता है।

मंदिर के पुजारी जी का कहना है कि इस मंदिर का आकर बौद्ध मठ जैसा है । इसलिए कुछ लोगों का मानना है कि ये मंदिर जरूर सम्राट अशोक ने बनवाया होगा। वैसे मंदिर के बाहर मोर और चक्र की आकृति देख कर कुछ लोग इसे सम्राट हर्षवर्धन से भी जोड़ते है।

वो कहते है न जिस जगह का रहस्य जितना गहरा होता है उसकी कहानियों की संख्या भी उतनी ही ज्यादा होती है। जिस मंदिर के बारे में वहां के लोग खुद स्पष्ट रूप से कुछ नहीं जानते तो ऐसे में रहस्य को जानने की उत्सुकता तो होगी ही।