400 रूपए की नौकरी करने पर मजबूर हुए थे खान परिवार के यह सदस्य, आज कमाते है करोड़ो रूपए

आज बॉलीवुज के जाने माने स्क्रीन राइटर सलीम अबदुल राशिद खान(Salim Khan) का जन्मदिन है। सलीम खान(Salim Khan) 84 साल के हो गए है। सलीम खान(Salim Khan) का जन्म 24 नवंबर 1935 को इंदौर में हुआ था। उनके पिता पुलिस में थे। कच्ची उम्र में ही सलीम खान के सिर से मां का साया उठ गया। साल 1964 में सलीम खान ने महाराष्ट्र की ब्राह्मण लड़की सुशीला से सात फेर लिए। सलीम खान से शादी करने के बाद सुशीला ने नाम बदलकर सलमा(Salma Khan) रख लिया और 27 दिसंबर 1965 को उन्हें संतान हुई जिसका नाम सलमान खान(Salman Khan) रखा।

बहुत छोटी उम्र में ही सलीन खान(Salim Khan)  के सर से मां बाप का साया हट गया। सलीम खान केवल 9 साल के थे जब उनकी मां का टीबी की वजह से निधन हो गया। उनकी मां 4 साल तक इस बीमारी से पीड़ित थीं जिसके चलते वो अपने बच्चों के नजदीक नहीं जा पाती थीं। मां के जल्द निधन की वजह से वो अपनी मां के साथ ज्यादा वक्त नहीं बिता पाए। इसके बाद साल 1950 में उनके पिता का भी निधन हो गया और इस वक्त सलीम की उम्र 14 साल थी। जिसके बाद भी वो पढ़ाई करना चाहते थे इसमे उनके भाई ने उनकी मदद की।

बता दे कि सलीम स्पोर्ट्स में काफी अच्छे थे और उनके लुक्स अच्छे होने की वजह से कई लोग उन्हें फिल्म स्टार बनने की हिदायत देते थे। सलीम को फिल्म डायरेक्टर के. अमरनाथ ने देखा और उन्हें अपनी फिल्म बारात में सपोर्टिंग रोल ऑफर किया, जिसके लिए उन्होंने सलीम को 1000 रुपये साइनिंग अमाउंट दिया और फिल्म की शूटिंग के दौरान 400 रुपये सैलरी देने की बात कही जिसके लिए सलीम तैयार हो गए और मुंबई शिफ्ट हो गए। मुंबई आकर सलीम एक छोटे से अपार्टमेंट में रहे और इसके बाद साल 1960 में उनकी फिल्म बारात रिलीज हुई जो खासा कमाल नहीं दिखा पाई, हालांकि फिल्म में उनका रोल काफी छोटा था।

सलीम ने कई फिल्मों में अपना हाथ अजमाया लेकिन उनके लुक्स के चलते फिल्म में उन्हें छोटे सपोर्टिंग रोल मिलते थे। इसके बाद उन्होंने बी- ग्रेड फिल्मों में काम किया। साल 1970 तक उन्होंने केवल 14 फिल्मों में काण किया और छोटे मोटे रोल निभाए, जिसमें तीसरी मंजिल, सरहदी लुटेरा और दीवाना जैसी फिल्में शामिल हैं। करीब 25 फिल्मों में काम करने के बाद उन्हें अहसास हुआ कि वो एक्टर नहीं बन सकते, लेकिन तब तक काफी देर हो गई थी और वो वापस इंदौर नहीं लौट सकते थे।

इसके बाद सलीम खान(Salim Khan) ने एक्टिंग से अपना ध्यान हटाकर राइटिंग पर लगाया और उन्होंने ‘दो भाई’ लिखी। सलीम(Salim Khan) की आखिरी फिल्म सरहदी लुटेरा की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात जावेद अख्तर से हुई और दोनों के बीच दोस्ती हो गई। दोनों ने साथ में स्क्रिप्ट लिखना शुरू किया और सलीम- जावेद(jawed) के नाम से पहचाने जाने लगे। जहां सलीम फिल्म की कहानी और प्लॉट तैयार करते थे वहीं जावेद फिल्म के डायलॉग और गानों के लिरिक्स लिखते थे।