विवादित नक्शे के बाद नेपाल ने उठाया ये बड़ा कदम, जारी किया ये आदेश

इससे पहले नेपाल ने भारतीय क्षेत्रों को अपना बताते हुए जब देश का नया राजनीतिक नक्शा (Political Map) जारी किया था तो भारत ने इसे एकतरफा कृत्य बताया था.

 

नेपाल सरकार ने एक एक राजनयिक नोट के माध्यम से कहा कि कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा के मुद्दे पर विदेश सचिव आपस में मिल सकते हैं या चर्चा करने के लिए एक वर्चुअल मीटिंग कर सकते हैं.

नेपाल की तरफ से यह प्रस्ताव नेपाल की सरकार की तरफ से पार्लियामेंट में विवादित मैप से जुड़े संशोधन विधेयक को पेश करने के बाद आया है, जिसमें उसने भारतीय क्षेत्र लिपुलेख, लिम्पियाधुरा और कालापानी क्षेत्रों को उसका हिस्सा बताया था. इसके लिए नेपाल ने एक नया पॉलिटिकल मैप भी जारी कर चुका है.

मालूम हो कि पिछले महीने भारत ने कहा था कि विदेश सचिव, हर्षवर्धन श्रृंगला और शंकर दास बैरागी, Covid-19 महामारी के बाद दोनों देशों के बीच इस मुद्दे को सफलतापूर्वक निपटने के लिए इस पर चर्चा करेंगे.

9 मई को विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता ने कहा ‘दोनों पक्ष विदेश सचिव स्तर की वार्ता की समयसीमा तय करने की प्रक्रिया में हैं, लेकिन कोरोनावायरस से निपटने के बाद के बाद दोनों देश इसकी तारीख तय करेंगे.’

नेपाल (Nepal) और भारत (India) के बीच छिड़ा सीमा विवाद (Indo-Nepal Border Dispute) अब एक अलग रंग लेता दिख रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि काठमांडू ने दिल्ली से कहा कि सीमा विवाद के समाधान के लिए वो दोनों देशों के विदेश सचिवों के बीच बैठक करने के लिए तैयार है.