महाराष्ट्र में पहली बार बदल ये, अब लोगो को दिखेगा कुछ ऐसा…

महाराष्ट्र में जारी सियासी रस्साकशी पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना निर्णय सुना दिया है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने सोमवार को अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया था.
 मंगलवार को न्यायालय ने बोला कि बुधवार शाम को पांच बजे तक बहुमत परीक्षण कराया जाए  पहले प्रोटेम स्पीकर का चुनाव हो. प्रोटेम स्पीकर ही सदन में बहुमत परीक्षण कराएंगे.

क्या होता है प्रोटेम स्पीकर

प्रोटेम स्पीकर उन्हें बोला जाता है, जो चुनाव के बाद पहले सत्र में स्थायी अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष का चुनाव होने तक संसद या विधानसभा का संचालन करते हैं. आसान शब्दों में कहें, तो कार्यवाहक  अस्थायी अध्यक्ष ही प्रोटेम स्पीकर होते हैं. लोकसभा अथवा विधानसभाओं में इनका चुनाव बेहद कम समय के लिए होता है.

सामान्यतः सदन के वरिष्ठतम मेम्बर को यह जिम्मेदारी सौंपी जाती है. लोकसभा अथवा विधानसभा चुनाव के अच्छा बाद अध्यक्ष अथवा उपाध्यक्ष के चुनाव से पहले अस्थायी तौर पर वे सदन के संचालन से संबंधित दायित्वों का निर्वहन करते हैं. प्रोटेम स्पीकर तब तक अपने पद पर बने रहते हैं, जब तक मेम्बर स्थायी अध्यक्ष का चुनाव न कर लें.

हालांकि लोकसभा अथवा विधानसभाओं में प्रोटेम स्पीकर की आवश्यकता तब भी पड़ती है, जब सदन में अध्यक्ष  उपाध्यक्ष, दोनों का पद खाली हो जाता है. यह स्थिति तब पैदा हो सकती है, जब अध्यक्ष  उपाध्यक्ष, दोनों की मौत हो जाए अथवा वे अपने-अपने पदों से त्याग पत्र दे दें. संविधान में, हालांकि प्रोटेम स्पीकर की शक्तियां स्पष्ट तौर पर नहीं बताई गई हैं, लेकिन यह तय है कि उनके पास स्थायी अध्यक्ष की तरह शक्तियां नहीं होती हैं.