इस देश ने बनाई कोरोना की दवा, देख उड़े लोगो के होश

अधिकारियों ने बताया कि दो भारतीय डायग्नोस्टिक कंपनियों त्रिवित्रोन हेल्थकेयर और माय लैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस ने उनके द्वारा विकसित कोरोना वायरस संक्रमण जांच किट को मंजूरी देने का अनुरेध डीसीजीआई से किया है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 की जांच के इच्छुक निजी क्षेत्र के डायग्नोस्टिक केंद्रों के लिए मंगलवार को दिशा-निर्देश जारी किए और उनसे यह जांच मुफ्त करने का अनुरोध किया।

दवा नियामक डीसीजीआई से कोरोना वायरस संक्रमण की जांच की मंजूरी मिलने के बाद स्विस फर्म रोशे डायग्नोस्टिक्स इंडिया देश में इस संक्रमण की जांच करने वाली पहली निजी फर्म बन गई है।

सरकार ने हाल ही में निजी डायग्नोस्टिक केंद्रों को भी जांच करने की अनुमति देने की बात कही थी। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, भारत का औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) फिलहाल एक अन्य निजी डायग्नोस्टिक फर्म ‘बायोम्रीक्स’ को भी लाइसेंस देने पर विचार कर रहा है। इस फर्म ने कोरोना वायरस संक्रमण की जांच करने की अनुमति मांगी है।

इस बीच खबर आई है कि मुंबई में कोरोना से मरने वाले तीसरे मरीज के साथ लोगों ने भेदभाव किया और उसके साथ सोशल मीडिया पर गाली गलौच की।

इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, मध्य मुंबई की एक सोसाएटी में रहने वाले 63 वर्षीय बुजुर्ग की 17 मार्च को कोरोना से संक्रमित होने से मौत हो गई थी।

सोसाएटी में रहने वाले निवासियों ने बताया कि 13 मार्च को जब बुजुर्ग के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई तो उसके साथ लोगों ने भेदभाव करना शुरू कर दिया।