चीन को इस देश ने दिया ये करारा जवाब, चारो तरफ से भेजे जंगी जहाज

इस युद्ध अभ्‍यास में दो लड़ाकू विमान वाहक पोत और चार अन्य युद्धपोतों शामिल होंगे, जो विमान की क्षमता का परीक्षण करने वाली उड़ान में शामिल होंगे।

 

अमेरिका और चीन के लिए इस क्षेत्र में एक साथ नौसैनिक अभ्यास आयोजित करना दुर्लभ है। डब्लूएसजे की रिपोर्ट में कहा गया है कि वाशिंगटन सैन्य शक्ति के माध्‍यम से बीजिंग को एक संकेत भेजने की कोशिश करेगा, क्योंकि चीन अन्य पड़ोसी देशों पर इस समय दबाव बढ़ा रहा है।

बीजिंग ने ताइवान के पास लड़ाकू विमानों के भेजने की संख्‍या में इजाफा किया है, जबकि भारत के साथ सीमा पर एक हिसंक झड़प के बाद अभी भी तनाव जारी हे। वहीं उसने हांगकांग की स्वायत्तता का खत्‍म करने के लिए राष्ट्रीय-सुरक्षा कानून को मंजूरी दी है।

अमेरिका ने यूएसएस रोनाल्ड रीगन और यूएसएस निमित्ज को नौसेना के सबसे व्यापक युद्ध अभ्यास के लिए दक्षिण चीन सागर में क्षेत्र में उतार दिया है।

यूएस-चीन के व्यापार पर बढ़ते तनाव के साथ, कोविड-19 और हांगकांग में चीन की कार्रवाई के बाद अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि वे बीजिंग के नाजायज क्षेत्रीय दावों को चुनौती देना चाहते हैं।

यूएसएस रोनाल्ड रीगन के स्ट्राइक समूह के कमांडर रियर एडम जॉर्ज ने कहा, ‘हमारा उद्देश्‍य सहयोगियों और मित्रों को एक स्‍पष्‍ट संकेत देना है कि हम क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध हैं।’

भारत से सीमा पर तनाव के बीच चीन दुनिया के सामने बेनकाब हो गया है। अब पूरी दुनिया में चीन की विस्‍तारवादी नीति के खिलाफ उवाज उठने लगी है।

दक्षिणी चीन सागर और फिलिपिन्स सागर में चीन की बढ़ती दखल के बाद अमेरिकी नौसेना भी अपने दो युद्धपोत रवाना कर दिए हैं। हालांकि बताया जा रहा है कि चीन इस समय दक्षिण चीन सागर में युद्ध अभ्‍यास कर रहा है और अमेरिका के यहां आने पर युद्ध के हालात बन सकते हैं।