चीन को इस देश ने दिया ये बड़ा संकेत, कहा अगर गलती से भी…

मालाबार समुद्री युद्धाभ्यास 2015 में शुरू हुआ था। हाल के भारत-चीन के बीच सीमा विवाद के बढ़ने के बाद इस युद्धाभ्यास में भाग लेने के लिए आस्ट्रेलिया को निमंत्रित करने को मीडिया के द्वारा चीन के खिलाफ एक मजबूत खेमे बंदी के रूप में देख रहा है।

 

झू गुआंजू का कहना है कि भारत इस समुद्री युद्धाभ्यास के जरिए समूचे हिंद महासागर और दक्षिणी प्रशांत महासागर में अपनी उपस्थिति और प्रभाव बढ़ाना चाहता है।

चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के अखबार ग्लोबल टाइम्स में लिखे एक लेख में चाइना आर्म्स कंट्रोल एंड डिसआर्मामेंट एसोसिएशन के सलाहकार झू गुआंजू ने कहा है कि यह कोई अप्रत्याशित घटना नहीं है.

मालाबार समुद्री युद्धाभ्यास के लिए भारत आस्ट्रेलिया को भी चौथे देश के रूप में शामिल होने के लिए निमंत्रण भेजने वाला है। ऐसा देर-सबेर होना ही था। भारत की कोशिश एक बड़ा सामरिक गठबंधन कायम करने की है।

ैोपगल गुआंजू का कहना है कि मालाबार समुद्री युद्धाभ्यास में आस्ट्रेलिया को सम्मिलित कर भारत इसे चतुष्कोणीय साझेदारी के रूप में बदल रहा है। अभी तक इस समुद्री युद्धाभ्यास में भारत के साथ अमेरिका और जापान हिस्सेदारी लेते रहे हैं, अब आस्ट्रेलिया भी आने वाला है।

मालाबार समुद्री युद्धाभ्यास में आस्ट्रेलिया को भी सम्मिलित करने के भारत के संकेत को चीन अपने लिए चुनौती के तौर पर देख रहा है। इसके साथ ही वह इसे भारत के बढ़ते प्रभाव का संकेत मान रहा है।