कोरोना वैक्सीन लगने के बाद हो सकता है ऐसा, शरीर में खून के थक्के…

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार जो गाइडलाइन जारी करेगी उसमें वैक्सीनेशन के बाद किसी मरीज की हालत बिगड़ने पर उसका इलाज करने और मुश्किल हालातों से निपटने के लिए दिशा-निर्देश होंगे। उन्होंने यह भी बताया कि कोरोना का वैक्सीन लगने के बाद जिन भी जगहों में उसका दुष्प्रभाव देखने को मिला है।

वहां उस केस पर करीब से नजर रखी गई है और जिला स्तर पर भी इसकी रिसर्च की गई है। गाइडलाइन आने के बाद डॉक्टरों को हालात बिगड़ने पर भी मरीजों की जान बचाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा लोगों में आत्मविश्वास बढ़ेगा और वैक्सीन के बाद अगर उनकी हालत बिगड़ती है तो इलाज के लिए डॉक्टर के पास जा सकेंगे।

एम्स के डायरेक्टर रंदीप गुलेरिया का कहना है कि भारत में वैक्सीन लगने के बाद प्लेटल्ट्स कम होने के केस ज्यादा नहीं होने चाहिए। वैक्सीन के साइड इफेक्ट भारत या एशियन देशों की तुलना में पश्चिमी देशों में ज्यादा देखे जा रहे हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि वैक्सीन लगने के बाद थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के जो लक्षण दिखे हैं, वो पूरी तरह से नॉर्मल हैं और इसमें चिंता करने वाली कोई बात नहीं है। इस वजह से इसके इलाज की गाइडलाइन ज्यादा मुश्किल नहीं होंगी।

वैक्सीनेशन के दुषप्रभावों पर जांच करने के लिए बनाई गई राष्ट्रीय समिति फिर से 700 मामलों की जांच कर रही है, जिनमें कोरोना का वैक्सीन लगने के बाद मरीजों को समस्या हुई थी।

इस समिति में चिकित्सक, रिसर्चर और वैक्सीन एक्सपर्ट भी शामिल हैं। इस समिति की जांच के बाद गाइडलाइन जारी की जाएगी। यह गाइडलाइन इस हफ्ते के अंत तक जारी की जा सकती हैं।

भारत सरकार जल्द ही कोरोना वैक्सीनेशन के बाद की देखरेख के लिए गाइडलाइन जारी कर सकती है। इससे वैक्सीनेशन के बाद तबियत बिगड़ने पर हालातों से कैसे निपटना है।

इस बारे में डॉक्टरों को जानकारी दी जाएगी। गाइडलाइन जारी होने के बाद डॉक्टर ‘ब्लड क्लॉटिंग’ जैसी घटनाओं से बेहतर तरीके से निपट सकेंगे। एस्ट्रआजेनिका-ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन लगाने के बाद देश में कुछ मामले ऐसे आए थे.

जिनमें मरीज के शरीर में खून के थक्के जम गए थे। इन्हीं मामलों के बाद सरकार ने गाइडलाइन जारी करने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों की मानें तो खून का थक्का जमने वाले मरीजों में जेनेटिक कनेक्शन हो सकता है। यूरोप में पाए गए मामलों में यह बात सामने आई है।