ट्रेनिंग बैच के प्रशिक्षण पर कर्मियों के वार्षिक मूल वेतन का तीन प्रतिशत भाग खर्च किया जाता है. कंपनी की विशेषज्ञता को बनाए रखने व सभी उत्पाद गुणवत्ता मानकों पर खरे उतरते रहें, इसके लिए कर्मियों को बुनियादी प्रशिक्षण के अतिरिक्त विशिष्ट प्रशिक्षण पाठ्यक्रम मुहैया कराते हैं.
दसॉ एविएशन ने राफेल, फाल्कन व दूसरे विमानों की तकनीक में परिवर्तन करने के लिए लगातार कोशिश जारी रखे हैं. कर्मियों को वर्ष में कई बार ट्रेनिंग पर भेजा जाता है.
इंजीनियरों की वह टीम जो लड़ाकू जहाजों की तकनीक अपडेट करने का खाका तैयार करती है, उसकी सलाह पर ट्रेनिंग बैच का चयन होता है.
फ्रांस की सेना भी इस विमान पर सबसे अधिक भरोसा करती है, इसलिए उसने दसॉ को 180 राफेल लड़ाकू विमान सप्लाई करने का ऑर्डर दिया है. इनकी डिलीवरी 2022 से प्रारम्भ होगी.
इनमें एडीशनल बैच वाले एफ 4 स्टैंडर्ड राफेल लड़ाकू विमान भी शामिल हैं.दसॉ एविएशन, शैक्षणिक संस्थानों में जाकर स्टूडेंट को राफेल लड़ाकू विमान एवं दूसरे लड़ाकू जहाजों की तकनीक से अवगत करा रही है. उनसे आग्रह किया जा रहा है कि वे दसॉ एविएशन के साथ कार्य प्रारम्भ करें.
से अधिक राष्ट्रों को दस हजार से ज्यादा सैन्य व नागरिक विमान बेचे हैं. ‘राफेल’ खास है, इसलिए अब फ्रांस के स्कूल-कालेजों में स्टूडेंट को इस तकनीक से जोड़ने के लिए निर्माण कंपनी ने विशेष मुहिम प्रारम्भ की है.
‘राफेल’ जैसे खतरनाक लड़ाकू विमान बनाने वाली फ्रांस की कंपनी ‘दसॉ एविएशन’ की खास तकनीक का अहसास संसार के अधिकतर राष्ट्रों को है. कंपनी ने अभी तक 90