कोरोना काल में उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी विधायकों की विधायक निधि पर रोक लगा दी थी. जैसे ही विधानसभा सत्र शुरू हुआ उसके बाद सत्ता और विपक्ष के विधायक विधायक निधि बहाल करने की लगातार मांग कर रहे थे.
इस मांग को देखते हुए और अगले वर्ष चुनाव भी होना है, इसके मद्देनजर सरकार ने ये फैसला लिया है. विधायक निधि की बहाली से अब जनता को भी बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि विधायक निधि के अभाव में विभिन्न विधायकों के क्षेत्र की कई समस्याएं लंबित पड़ी हुई थीं.
बता दें कि अगले वर्ष चुनाव भी है, इसलिए सरकार चाहती है, कि विकास कार्यों में तेजी लाई जाए. कोरोना माहामारी के दौरान अधिकतर कार्य रुक गए थे.
वहीं विधायक निधि सस्पेंड होने से विधायक भी परेशान थे. क्योंकि किसी भी विकास कार्य को न करा पाने के पीछे उनका कहना था, कि निधि नहीं मिल रही है, लेकिन अब ये बहाना नहीं चलेगा.
यूपी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने विधायक निधि के लिए 3-3 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. सरकार की योजना के मुताबिक विधायक निधि से क्षेत्र की जनता के चिकित्सा सेवा के लिए 25 लाख रुपये और किसी आपदा के समय सहयोग राशि के रूप में इसमें से पैसे दे सकते हैं. दरअसल विधायकों की तरफ से क्षेत्र की जनता की समस्याओं को निपटाने के लिए काफी वक्त से निधि दिए जाने की मांग की जा रही थी.
उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेश के विधायकों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास निधि के लिए 3-3 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है. सरकार की तरफ से यह घोषणा वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने की. जल्द ही विधायक इस निधि को अपने क्षेत्र के विकास कार्यों और जनता की भलाई के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे.