भारत और चीन के बीच अचानक हुआ ये , बिगड़े हालात रोक पाना मुश्किल…

अनुराग श्रीवास्तव ने पूर्वी लद्दाख पर में सैन्य स्थिति पर के बारे में दोनों देशों के वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों की 12 अक्टूबर को ही बैठक सातवें दौर की बैठक के बाद जारी संयुक्त वक्तव्य का हवाला दिया। उस बैठक में बातचीत को सकारात्मक और फलदाई माना गया था।

 

बैठक में दोनों देशों को एक दूसरे की स्थिति के बारे में बेहतर जानकारी हासिल हो पाई। प्रवक्ता ने कहा कि सीमा क्षेत्र में अग्रिम मोर्चे से सैनिकों को हटाने की प्रक्रिया जटिल है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने सप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा कि केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख तथा अरुणाचल प्रदेश भारत के अटूट अंग हैं। चीन को इस संबंध में बोलने का कोई अधिकार नहीं है।

यह क्षेत्र भारत के अभिन्न अंग थे, हैं और रहेंगे। वह चीन के इस बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे, जिसमें लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश पर भारत की संप्रभुता पर सवाल उठाया गया था।

उन्होंने कहा कि चीन को यह कई मौकों और कई स्तरों पर यह बताया जा चुका है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अटूट और अभिन्न अंग है। यह बात चीन को शीर्ष स्तर पर बताई जा चुकी है।

भारत ने अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख के बारे में चीन के बयान को खारिज करते हुए गुरुवार को कहा कि पड़ोसी देश को भारत के आंतरिक मामलों पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। भारत यह आशा करता है कि कोई देश उसके आंतरिक मामलों पर टिप्पणी ना करें जैसा कि वह स्वयं अपने लिए अन्य देशों से अपेक्षा करते हैं।