कोरोना से ठीक होने के बाद बूढ़ा हो जाता शरीर का ये अंग, आती जाती है भारी कमी…

इस शोध से जुड़े लंदन के इंपीरियल कॉलेज के डॉक्टर एडम हैम्पशायर ने बताया कि इस शोध में 84,000 से अधिक लोगों को शामिल किया गया था। इन लोगों पर समीक्षात्मक अध्ययन के द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण से मस्तिष्को में होने वाले नुकसान (Cognitive Deficit) को देखा गया है। शोध में देखा गया है कि कोरोना के कारण मस्तिष्का यानि दिमाग की सोचने समझने की क्षमता व कार्य करने की प्रक्रिया बर्बाद हो जाती है।

 

वैज्ञानिकों ने इस शोध में दावा किया है कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के दिमाग पेरिस वायरस का सबसे बुरा और गहरा प्रभाव पड़ता है। यह वायरस मरीज के दिमाग को 10 साल बूढ़े के बराबर बना देता है। सरल शब्दों में कहें तो कोरोना मरीजों के दिमाग की काम करने की शक्ति और उसकी कार्य प्रणाली बेकार हो जाती है।

वहीँ, इस वायरस पर नियंत्रण लगाने के लिए कोरोना वैक्सीन पर भी काम किया जा रहा है। लेकिन इस बीच सामने आए एक शोध ने कोरोना से ठीक होने वाले लोगों के स्वास्थ्य को लेकर बड़ा दावा किया है। इस शोध में कोरोना मरीजों के दिमाग के बारे में चौंकाने वाला दावा किया गया है।

वल्डोमीटर आंकड़ों के अनुसार, दुनिया भर में अबतक 44,016,593 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके है। जबकि इस खतरनाक वायरस के कारण 1,167,764 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं राहत की बात है कि 32,301,108 लोग इस संक्रमण से ठीक भी हुए हैं।

दुनिया भर में कोरोना वायरस (CoronaVirus) का कहर हर दिन बढ़ता जा रहा है और बड़ी संख्या में लोग इस खतरनाक वायरस से संक्रमित हो रहे हैं। आलम यह है कि हर दिन लाखों संक्रमण के मामले सामने आ रहे है।