कोरोना से बचने के लिए बचाए शरीर का ये तीन अंग, पढ़ें पूरी रिपोर्ट

इसका आकलन करने के लिए जांच की जा रही हैं. एस्ट्राजेनेका का भारतीय रूप कोविशील्ड है. इस वायरस सेक्टर वैक्सीन को स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ तैयार किया गया है. B.1.617 वैरिएंट में E.484Q नाम का म्यूटेशन कंपोनेंट होता.

जो E.484K की तरह है. एस्ट्राजेनेका कि इस वैरिएंट ने दक्षिण अफ्रीका में इम्यून सिस्टम पर प्रभावकारिता कम दिखा है. कोविशील्ड के खिलाफ उस वैक्सीन के साथ क्या हो रहा है, इस बात की जानकारी के लिए हमें जानकारी की जरूरत है.

 यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप भारत के किस हिस्से में रहते हैं या सफर करते हैं. पंजाब और दिल्ली में आपके B.1.1.7 के संपर्क में आने की संभावना है. महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्य में आप B.1.617 (डबल म्यूटेंट) का शिकार हो सकते हैं. भारत में कोरोना वायरस के दूसरे म्यूटेंट्स का भी पता लगा है. केरल में मिला N440K वैरिएंट आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी पाया गया है. यह वैरिएंट 16 देशों में मिला है. इसके अलावा दक्षिण अफ्रीकी और ब्राजील की लाइनेज भी भारत में कम संख्या में मिली है.

आपको सही तरह से मास्क पहनने, भीड़ से बचने और खराब वेंटिलेशन वाले जगहों से बचने जैसी सावधानियां लेनी चाहिए. घर से बाहर निकलते समय खुद से सावधानियां और सरकार के नियमों का ध्यान रखे. अब चाहे ओरिजिनल वायरस हो या वैरिएंट, यह आपके शरीर में केवल नाक, मुंह और आंख के जरिए ही घुस सकता है. अगर आप इन जगहों पर पहुंचने वाले रास्तों को सुरक्षित कर सकते हैं, तो आप वैरिएंट्स के खिलाफ भी सुरक्षित रहेंगे.

कोरोना वायरस के बीते 24 घंटों में 2 लाख 61 हजार 500 नए मरीज मिले हैं. करीब 3 दिनों से देश में लगातार 2 लाख से ज्यादा मामले दर्ज किए जा रहे हैं. एक्सपर्ट्स इस बात पर चिंता जता रहे हैं कि नया और संभवत:

कोरोना वायरस (Coronavirus) का ज्यादा संक्रामक रूप मामले बढ़ने का असल कारण है. इसे जानकार डबल म्यूटेंट (Double Mutant) भी कह रहे हैं. अब जब नागरिक लगातार वायरस की नई लहर का सामना कर रहे हैं, तो हमने मामले से जुड़े कुछ सवालों को लेकर देश के जाने-माने महामारी विशेषज्ञ प्रोफेसर के श्रीनाथ रेड्डी से चर्चा की.