बसपा के इन दिग्गज नेताओ ने मायावती को दिया बड़ा धोका, सपा का दामन थाम कही ये बात…

उत्तर प्रदेश की राजनीति में कमजोर होती मायावती की पकड़ के चलते उनके करीबी नेता उनसे दूर होते जा रहे हैं। रविवार को कई बसपा नेताओं ने सपा का दामन थाम लिया है। इन नेताओं में सांसद बलिहारी बाबू भी शामिल हैं। बलिहारी बाबू कभी कांशीराम के करीबी हुआ करते थे। बलिहारी बाबू समेत चार बसपा नेताओं को अखिलेश यादव ने सपा की प्राथमिक सदस्यता दिलाई। बलिहारी बाबू के साथ पूर्व एमएलसी तिलक चंद अहिरवार, फेरन अहिरवार, अनिल अहीरवार बसपा छोड़ कर सपा में शामिल हो गए।

इस मौके पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि इन नेताओं के आने से सपा को मजबूती मिलेगी। उन्होंने कहा कि सपा की सरकार बनने पर हम जातिगत जनगणना करवाएंगे। हम जातिगत जनगणना की मांग बच्चों के भविष्य को बेहतर करने के लिए कह रहे हैं। अखिलेश यादव ने दावा किया कि आगामी 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में सपा 351 सीटें जीतेगी। अखिलेश जब पूछा गया कि उनकी सीएम योगी आदित्यनाथ से फोन पर बात हुई थी, तो उन्होंने कहा, ‘हां मैंने फोन पर मुख्यमंत्री जी से कहा कि आजम खान पर झूठे मुकदमे हो रहे हैं।’ सपा अध्‍यक्ष ने आरोप लगाया कि आईएएस और आईपीएस प्रमोशन पाने के लिए आजम साहब पर मुकदमे कर रहे हैं।

शिवपाल से भी सुधर रहे हैं अखिलेश के रिश्ते, बन सकती है बात

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी से तालमेल करेगी। पार्टी अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने इसकी जानकारी दी थी। प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने कहा था कि पार्टी का चुनाव चिन्ह चाबी ही रहेगा और विधानसभा सीटों पर तालमेल होगा। उन्होंने कहा था कि हमारे परिवार में कोई खटपट नहीं है और ना ही परिवार में कोई बंटवारा हुआ है। उन्होंने कहा था कि राज्य में जब से भाजपा की सरकार आई है तब से लोगों की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है।