साथ ही कोर्ट ने इस मामले को मध्यस्थता के जरिए सुलझाया जाए और प्रदर्शनकारियों को शाहीन बाग मार्ग खाली करने के लिए राजी किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े, वकील साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बात करने को कहा है। कोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को ऐसे वैकल्पिक जगह पर जाने के लिए राजी करने को कहा, जहां कोई सार्वजनिक स्थान अवरुद्ध न हो।
वहीं कोर्ट ने कहा कि यदि कोई उपाय न निकला तो हम स्थिति से निपटने का जिम्मा अधिकारियों पर छोड़ देंगे। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट में चंद्रशेखर आजाद की ओर से पेश वकील ने कहा कि देश में इस तरह के पांच हजार प्रदर्शन होंगे।
इसपर कोर्ट ने कहा कि हमें 5000 प्रदर्शनों से दिक्कत नहीं है लेकिन रास्ता बंद नहीं होना चाहिए, हमें सड़क के जाम होने से चिंता है।
नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ शाहीन बाग पर दो महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शनकारियों के रास्ता बंद कर धरने पर बैठने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हर कोई सड़क पर उतरेगा तो कैसे चलेगा।
जस्टिस संजय कौशल, जस्टिस के.एम. जोसेफ की बेंच ने सुनवाई करते हुए कहा कि हमारी चिंता सीमित है, अगर हर कोई सड़क पर उतरने लगेगा तो क्या होगा।
कोर्ट ने कहा कि लोकतंत्र तो हर किसी के लिए है, आप प्रदर्शन करें। दिल्ली में हमारी चिंता ट्रैफिक को लेकर है। अगर आपकी मांग भी जायज है तो आप रास्ता कैसे बंद कर सकते हैं।