चीन से निपटने के लिए इन चार देशो ने मिलाया हाथ , सीमा पर तैनात होने जा रहा ये हथियार

2015 में जापान इसका स्थायी सदस्य बन गया। यह वार्षिक नौसेना अभ्यास 2019 में जापान के तट पर हुआ था। इस साल के अभ्यास में भारतीय नौसेना अपने विध्वंसक पोत रणविजय, युद्ध पोत शिवालिक, समुद्र तटीय गश्ती नौका सुकन्या, जहाजों के बेड़े को सहायता पहुंचाने वाले पोत शक्ति और पनडुब्बी सिंधुराज को शामिल करेगी।

अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा अत्याधुनिक जेट प्रशिक्षक हॉक, लंबी दूरी का समुद्री गश्त विमान पी 8 आई, डोर्नियर समुद्री गश्त विमान और कई सारे हेलीकॉप्टर भी अभ्यास में हिस्सा लेंगे। पूर्वी लद्दाख में पांच महीनों से भारत और चीन के बीच सीमा पर गतिरोध बना हुआ है, जिससे दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव बढ़ा है।

पिछले हफ्ते, भारत ने यह घोषणा की थी कि आस्ट्रेलिया इस नौसेना अभ्यास का हिस्सा होगा, जिसके साथ ही अब यह प्रभावी तरीके से ‘क्वॉड’ या ‘चतुष्कोणीय गठबंधन क्वाड्रीलैटरल कोलेशन के सभी चार सदस्य देशों का अभ्यास हो गया है।

चीन, मालाबार अभ्यास को लेकर सशंकित है क्योंकि उसे लगता है कि यह वार्षिक युद्ध अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव कायम रखने की इन देशों की कोशिश है। ‘

क्वॉड’ सदस्य राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों की तोक्यो में बैठक होने के दो हफ्ते बाद भारत ने आस्ट्रेलियाई नौसेना को अभ्यास में हिस्सा लेने का न्योता दिया था। जापान में हुई इस बैठक में चारों देशों के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर विस्तृत बाचतीत की गई थी।

अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण के अभ्यास में जटिल एवं अत्याधुनिक नौसेना अभ्यास होंगे, जिनमें पनडुब्बी रोधी एवं हवाई युद्ध रोधी अभियान होंगे। इसके अलावा एक जंगी जहाज से उड़ान भर कर दूसरे युद्ध पोत पर भी लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर उतरेंगे। हथियारों से फायरिंग का भी अभ्यास किया जाएगा। मालाबार अभ्यास 1992 में भारतीय नौसेना और अमेरिकी नौसेना के बीच हिंद महासागर में एक द्विपक्षीय अभ्यास के रूप में शुरू हुआ था।

पूर्वी लद्दाख में चीन से लगी सीमा पर कायम गतिरोध के बीच भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के नौसैनिकों के बीच मालाबार अभ्यास का पहला चरण बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम से शुरू हो रहा है।

यह अभ्यास चार देशों के रणनीतिक हितों के बढ़ते संबंध को दर्शाता है। भारत, जापान , आस्ट्रेलिया और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच पहले चरण का मालाबार अभ्यास से शुरू हो रहा है जो शुक्रवार को समाप्त होगा। इन चार देशों के इस नौसेना अभ्यास का दूसरा चरण 17 से 20 नवंबर के बीच अरब सागर में होगा।