सरकार ने दिया ये बड़ा संकेत, चलाई जा सकती है ये ट्रेने…

अभी तक रेल सेवा प्रारम्भ करने के बारे में सरकार की तरफ से कोई साफ संकेत नहीं आया है. हालांकि, रेलवे ने इस पर आंतरिक एक्सरसाइज प्रारम्भ कर दिया है.

 

अपनी योजना सरकार के उच्च स्तरों तक पहुंचा दी है. योजना के मुताबिक, हर नॉन-एसी ट्रेन एक सफर में 1000 यात्रियों को ले जाएगी, जो कि ट्रेन की कुल क्षमता का आधा होगा. ऐसा इसलिए किया जाएगा, ताकि सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का अच्छा तरीका से पाल हो सके.

सरकार के एक वरिष्ठ ऑफिसर ने बताया- “अगर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों को माना जाए, तो हर बस 25 लोगों को ही बिठाया जा सकता है. रेलवे के विस्तृत प्रोटोकॉल में एक पैरा में बोला गया है कि ट्रेन के रूट में जो भी प्रदेश व स्टेशन आएंगे, वहां लोगों के मूवमेंट्स व स्क्रीनिंग की अच्छा व्यवस्था मुहैया होनी चाहिए.”

सूत्रों का बोलना है कि ट्रेन की स्थान बसों से प्रवासियों को लाने-ले जाने का निर्णय कर केन्द्र ने आवाजाही करने वाले लोगों की संख्या पर रोक ही लगाई है.

एक ऑफिसर ने बोला कि यह किसी स्थान पर फंसे व अपने घर तक की यात्रा करने के लिए आतुर लोगों के लिए एक विकल्प की तरह है. लंबी दूरी तक जाने के लिए यह व्यवहार्य नहीं है. सरकार इस तरह ट्रेन चलाने से पहले स्थितियों को समझना चाहती है.

केंद्र सरकार ने हाल ही में दूसरे राज्यों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों, विद्यार्थियों व पर्यटकों को लाने के लिए बसों को चलाने की मंजूरी दे दी. हालांकि, इसी बीच कुछ राज्यों ने सरकार से स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग रख दी है,

ताकि बड़ी संख्या में फंसे लोगों को वापस लाया जा सके. सूत्रों के मुताबिक, रेल मंत्रालय ने भी इस सिलसिले में एक योजना तैयार कर ली है, जिसके तहत हर दिन 400 स्पेशल ट्रेनें चलाई जा सकती हैं. इन्हें आवश्यकता के मुताबिक प्रोटोकॉल का पालन करते हुए 1000 तक बढ़ाया भी जा सकता है.