झारखंड सरकार ने लॉकडाउन में बाहर फंसे पांच लाख से ज्यादा मजदूरों व विद्यार्थियों के लिए उठाया ये कदम…

केन्द्र के दिशा-निर्देश के बाद झारखंड सरकार ने लॉकडाउन में बाहर फंसे पांच लाख से ज्यादा मजदूरों व विद्यार्थियों को वापस लाने के लिए सक्रिय हो गई है।सीएम हेमंत सोरेन ने बोला कि विद्यार्थियों व मजदूरों को झारखंड वापस लाना केन्द्र के योगदान के बिना संभव नहीं होगा। प्रदेश सरकार अकेले इतने लोगों को वापस नहीं ला सकती है, क्योंकि प्रदेश के पास सीमित संसाधन हैं।

झारखंड राज्य सरकार के पास ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन नहीं है। ऐसी हालात में मजदूरों व विद्यार्थियों को वापस लाने में 6 महीने लग जाएंगे। आकलन के मुताबिक झारखंड के करीब पांच लाख मेहनतकश विभिन्न राज्यों में फंसे हुए हैं। प्रदेश सरकार ने इनकी वापसी के लिए नोडल ऑफिसर नियुक्त कर दिये हैं।

अमिताभ कौशल को प। बंगाल, आंध्र प्रदेश, लद्दाख, अबुबकर सिद्दीकी को केरल, प्रवीण टोप्पो को चंडीगढ़, जम्मू-कश्मीर, बिहार, प्रशांत कुमार को हरियाणा व के रविकुमार को मणिपुर, मिजोरम, पुडुचेरी, उत्तीसगढ़, अंडमान निकोबार व लक्षद्वीप की जिम्मेदारी दी गई है। इन सभी आईएएस अधिकारियों ने बुधवार रात से ही जिम्मेदारी संभाल ली है।