कोरोना को लेकर शोध में हुआ ये नया खुलासा, खांसने वाले लोग…

इसी अध्ययन में यह भी नतीजा निकला है कि जिन लोगों के शरीर में कोरोना वायरस लोड ज्यादा था, वे भी ज्यादा संक्रमण फैला रहे थे। जबकि कम वायरस लोड वाले मरीजों से प्रसार कम हुआ। वायरस लोड का मतलब शरीर में वायरस की संख्या की मौजूदगी से है। दरअसल, संक्रमण के बाद वायरस के लाखों प्रतिरूप शरीर में बन जाते हैं।

अब तक हुए रिसर्च में यह बात सामने आई थी कि खांसने वाले मरीजों से संक्रमण का खतरा ज्यादा है। लेकिन, इस अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों को खांसी हो रही थी, उनके जरिये कोरोना का फैलाव कम हुआ।

सूत्रों के मुताबिक स्पेन के वार्सिलोना में हुए अध्ययन की रिपोर्ट हाल में लांसेट इंफेक्सियस डीजिज जर्नल में प्रकाशित हुई है। इसमें कहा गया है कि 314 कोरोना मरीजों और उनके 753 संपर्कों पर हुए अध्ययन के बाद यह नतीजा निकाला गया है।

कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर अभी भी कई रहस्यों से पर्दा नहीं उठ पा रहा है। कोरोना संक्रमण को लेकर हर दिन एक नए शोध में नए-नए खुलासे होते रहते हैं।

एक शोध में कहा गया है कि जिन मरीजों को खांसी होती है, उनके जरिए कोरोना के संक्रमण का खतरा कम रहता है। जिन्हें खांसी नहीं होती है, उनसे संक्रमण का खतरा ज्यादा है।