विटामिन डी की कमी को दूर करने के लिए करे ये घरेलू उपाय

विटामिन डी या विटामिन डी 3 जिसे आमतौर पर घुलनशील प्रो-हार्मोन बोला जाता है, ये हड्डियों के मेटाबॉलिज्‍म में जरूरी किरदार निभाता है.

यह कैल्शियम के अवशोषण के लिए महत्वपूर्ण है. ब्‍लड में कैल्शियम  फॉस्फेट के नॉर्मल लेवल को बनाए रखने के लिए विटामिन डी की आवश्यकता होती है,

सूरज की लाइट में कम रहना, भोजन की आदतें  विटामिन डी फोर्टिफाइड फूड्स के कम सेवन के कारण, स्किन कलर हिंदुस्तान मेंविटामिन डी की कमीके कुछ कारण हैं. अन्य कारक जो विटामिन डी 3 के लेवल की कमी का कारण बनते हैं, उनमें मोटापा, बुढ़ापा  कुछ चिकित्सीय स्थितियां जो क्रोन की बीमारी, सिस्टिक फाइब्रोसिस  सीलिएक रोग जैसे डाइजेस्टिव सिस्‍टम को प्रभावित करता हैं. किडनी  लिवर की बीमारियों के लिए दवाई लेने वाले रोगियों को भी विटामिन डी की अपर्याप्तता से पीड़ित होने का अधिक खतरा होता है.इसके अतिरिक्त इन बातो का ध्यान रखे.  

विटामिन डी  कैल्शियम से भरपूर फूड्स लें –दूध  दूध से बने पदार्थ, अंडा, सार्डिन, मैकेरल, टूना, सामन, सोया दूध, टोफू,  पनीर जैसे कुछ फूड्स में विटामिन डी नेचुरली उपस्थित होता है. मशरूम  अंडे की जर्दी भी विटामिन डी का एक अच्छा स्रोत है. विटामिन डी कैल्शियम अवशोषण को बढ़ावा देता है, इसलिए बोन हेल्‍थ के लिए अपनी डाइट में दूध  दूध से बने प्रोडक्‍ट, पनीर, चीज, अन्न  फलियां, रागी, चना, राजमा, सोयाबीन, हरी पत्तेदार  नट्स जैसे कैल्शियम युक्त फूड्स को शामिल करें.

सूर्य के प्रकाश में ज्‍यादा रहें –जब स्कीन सीधे सूर्य के सम्पर्क में आती है तो विटामिन डी बनता है  इसलिए सूर्य के प्रकाश के सम्पर्क में आने से शरीर में विटामिन डी 3 के लेवल को बेहतर बनाने में मदद मिल सकती है. सूरज में बैठने का आदर्श समय प्रातः काल 6 से 8 बजे के बीच या शाम के 4 बजे -6 बजे के बीच होता है.