ट्रंप पिछले कई दिनों से चीन को महामारी के लिए सार्वजनिक तौर पर दोषी ठहराते आ रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने वायरस को एक अदृश्य दुश्मन करार दिया और साथ ही इसके खिलाफ एक जांच शुरू कर दी।
ट्रंप ने सोमवार को इस तरफ भी इशारा किया है कि अमेरिका कोरोना वायरस की वजह से हुए नुकसान का हर्जाना चीन से मांग सकता है। ट्रंप ने कहा कि रकम जर्मनी से कहीं ज्यादा होगी।
जर्मनी ने चीन से 140 बिलियन डॉलर का हर्जाना मांगा है। ट्रंप ने व्हाइट हाउस मंगलवार को व्हाइट हाउस में मीडिया को जानकारी दी। इसी दौरान उन्होंने कहा, ‘184 देशों में यह वायरस मौजूद है.
जैसा कि मैं अक्सर ही कहता हूं। इस पर विश्वास करना बहुत मुश्किल है। यह एकदम समझ से बाहर है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जहां से वायरस निकला, वहीं पर उसे रोकना चाहिए था जो कि चीन था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। और अब 184 देशो को नरक भोगना पड़ रहा है।’
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर चीन पर भड़के है। उन्होंने एक बार फिर कहा है कि चीन ने कोरोना वायरस को शुरुआत में ही रोकने की कोई कोशिश नहीं की और इसकी वजह से ही आज दुनिया के 185 देश नरक में हैं।
ट्रंप का बयान ऐसे समय आया है जब कई अमेरिकी सांसदों ने मांग की है कि अब समय आ गया है जब चीन पर खनिजों और मैन्यूफैक्चरिंग से जुड़ी निर्भरता को कम किया जाए। अमेरिका में अब एक मिलियन यानी 10 लाख लोग कोरोना से संक्रमित हैं और 58,955 लोगों की मौत हो चुकी है।