योगी सरकार पंचायतों को देने जा रही है ये नया अधिकार, जानिए सबसे पहले

मनरेगा के कामों को कराने का अधिकार प्रदेश सरकार क्षेत्र पंचायतों को भी देने जा रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर ग्राम्य विकास विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार किया है।

इस प्रस्ताव पर प्रदेश सरकार की मुहर जल्द लग जाएगी। क्षेत्र पंचायतें भी मनरेगा के तहत अपने क्षेत्र में विकास कार्य की योजना बना सकेंगी। ब्लाक प्रमुख और खंड विकास अधिकारी की सहमति से योजनाएं बनेंगी।

यह जानकारी ग्राम्य विकास मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह ‘मोती सिंह‘ने सोमवार को आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान दी। उन्होंने कहा कि क्षेत्र पंचायतों को भी मनरेगा का काम मिलने पर मनरेगा के तहत अधिक से अधिक विकास कार्य कराए जा सकेंगे। मनरेगा के तहत अब पक्के कामों की संख्या बढ़ाई जाएगी। गांवों में पक्की सड़कें और अन्य कामों पर अधिक फोकस किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस फैसले से ग्राम पंचायतें और क्षेत्र पंचायतों के बीच प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा। क्षेत्र पंचायतों को मनरेगा से जोड़ने वाला यूपी देश का पहला राज्य होगा।

एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार से बातचीत की जा रही है। खासकर पूर्वांचल में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी बढ़ाने का प्रयास अधिक है। इसके लिए जल्द की केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की भी की जाएगी।

ग्राम्य विकास मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री 21 दिसंबर को प्रयागराज से विभाग की कई योजनाओं का उद्घाटन व शिलान्यास करेंगे। बैकिंग करेस्पांडेट सखी, पुष्टाहार निर्माण के लिए स्थापित की जा रहीं इकाइयों के साथ ही बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कंपनी की तर्ज पर पूर्वांचल के पांच जिले गाजीपुर, सोनभद्र, बलिया, मिर्जापुर तथा चंदौली को जोड़ते हुए गठित काशी दुग्ध उत्पादक कंपनी का लोकार्पण करेंगे।

इन योजनाओं से बड़ी तादाद में ग्रामीण क्षेत्रों में खासकर समूहों की महिलाएं रोजगार से जुड़ेंगी। अपर मुख्य सचिव ग्राम्य विकास मनोज कुमार सिंह ने बताया कि पांच नई उत्पादक कंपनियों की स्थापना के लिए 200 करोड़ से अधिक का बजट उपलब्ध है।

उ.प्र. राज्य ग्रामीण विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी भानु चंद्र गोस्वामी ने बताया कि पीएमजीएसवाई के तहत 14000 किमी. ग्रामीण सड़कों के सुदृढ़ीकरण व चौड़ीकरण का काम इस समय राज्य में चल रहा है।