बिजली विभाग करने जा रही ये काम , तैयार हो जाए लोग

स्मार्ट मीटर को रिचार्ज कराने के बाद आपका बिजली विभाग पर किसी भी प्रकार का बकाया भार नहीं रहेगा और न ही बिजली विभाग का कोई भी कर्मचारी आपसे वसूली करने के लिए आयेगा.

रिचार्ज के लिए सेंटर भी खुलेगा. वहीं, बुजुर्ग उपभोक्ताओं को एजेंसी की ओर से कर्मी भेज कर भी रिचार्ज की सुविधा दी जा सकती है. इसके लिए विभाग की ओर से डिवीजन का नंबर जारी किया जायेगा. इसके लिए उपभोक्ताओं को मिस्ड कॉल या फिर व्हाट्सएेप करना होगा.

स्मार्ट मीटर में एक डिस्प्ले लगा होगा. इसके माध्यम से उपभोक्ताओं को वर्तमान शेष बिजली बिल, बिजली की वर्तमान शेष राशि और पिछले महीने की बिजली खपत का आसानी से पता चल जायेगा. साथ ही मीटर में किसी भी तरह की छेड़छाड़ या गड़बड़ी की संभावना कम रहेगी. साथ ही इसे भरने के लिए बिजली विभाग का चक्कर भी नहीं लगाना पड़ेगा.

यह सबसे आधुनिक तकनीक होगी. कर्मचारी पावर स्टेशन से ही सॉफ्टवेयर के जरिये आसानी से प्रत्येक घर की बिजली की खपत की गणना कर सकेंगे. स्मार्ट मीटर लग जाने के बाद इसकी अगली कड़ी में उपभोक्ताओं को बिजली के लिए अपनी पसंदीदा कंपनी के चुनाव का हक मिल जायेगा.

उपभोक्ता किसी भी कंपनी से बिजली ले सकते हैं. स्मार्ट मीटर लगाने के लिए सात कंपनियां फिलहाल रेस में शामिल हैं. झारखंड में बेहतर बिलिंग कवरेज को ध्यान में रखते हुए यहां फोर जी तकनीक, आरएस चैनल, रेडियो डेटा फ्रिक्वेंसी, नैरो बैंड इंटरनेट थिंग्स (एमवीआइटी) जैसे अत्याधुनिक सिस्टम को उपयोग में लाया जायेगा. नेटवर्क की समस्या होने पर भी यह तकनीक काम करेगी.

बिजली की खपत और इसके चलते हो रहे लाइन लॉस के कारण ऊर्जा विभाग अब सभी घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी कर रहा है. इससे बिजली की क्षति पर काफी हद तक नियंत्रण हो पायेगा. क्योंकि, स्मार्ट मीटर को मोबाइल फोन की तरह रिचार्ज करने के बाद ही लोग बिजली का इस्तेमाल कर पायेंगे. 90 फीसदी बिलिंग का लक्ष्य रखा गया है.