भारत के विरुद्ध चीन ने किया ये काम, जानकर लोग हुए हैरान

फिलहाल भारत जापान के साथ विशाखापट्टनम में एक ‘रेअर अर्थ ज्वाइंट वेंचर’ पर काम कर रहा है। सरकार एक नई राष्ट्रीय खनिज नीति भी बना रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी भी भारत को लंबा रास्ता तय करना है।

 

कोरोनावायरस महामारी से निपटने के तरीकों को लेकर इस दिग्गज एशियाई देश पर इन दिनों वाशिंगटन की आंखें लाल हैं। चीन पृथ्वी के रेअर मिनरल्स यानि दुर्लभ खनिजों का सबसे बड़ा उत्पादक है। इनके तहत 17 तत्वों का ग्रुप उपभोक्ता वस्तुओं, एविएशन, क्लीन-टेक, हेल्थकेयर, डिफेंस और कुछ अन्य सेक्टरों के लिए बहुत अहम है।

अपने चुंबकीय और विद्युत रासायनिक गुणों के लिए पहचानी जाने वाली ये धातुयें पृथ्वी की परत में आम हैं। इंडस्ट्री डेटा के मुताबिक चीन अपनी कम श्रम लागत और ढीले पर्यावरण नियमों की वजह से इन धातुओं के ग्लोबल आउटपुट के करीब 90 फीसदी हिस्से पर नियंत्रण रखता है।

चीन लद्दाख में भारत के विरुद्ध और साथ ही साथ दक्षिण चीन सागर में अपने पड़ोसी देशों के साथ आक्रामक रुख अपनाये हुए है। उसने अमेरिका के साथ उग्र कूटनीतिक युद्ध छेड़ रखा है।

इन परिस्थितियों में आधुनिक उद्योग की दुर्लभ लाइफलाइन पर चीन की मोनोपोली या एकाधिकार पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन सकता है।