मौसम विभाग ने देश के इन राज्यों में छुट्टी के दिन दिए मुसलाधार बारिश व भीषण ठंड के संकेत

ठंड के बाद अब गर्मी और बरसात का होगा आगाज. वहीं गर्मी के पहले ही बारिश और ओलों ने अपनी मार का प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है. वहीं पश्चिमी विक्षोभ के असर से बीते शनिवार यानी 29 फरवरी 2020 शाम रोहतक समेत प्रदेश के कई जिलों में हुई बारिश रबी की फसलों को संजीवनी दे गई. हालांकि, हिसार, भिवानी में आधे घंटे तक तेज बारिश और ओलावृष्टि से कई गांवों में गेहूं की अगेती फसल खेतों में बिछ गई. महेंद्रगढ़ में सरसों की फसल को नुकसान हुआ है. करीब 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने से यातायात के साथ फसलें भी प्रभावित हुईं. मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को भी प्रदेश के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश की संभावना है

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मौसम विभाग के अनुसार बीते शनिवार यानी 29 फरवरी 2020 की सुबह से ही काली घटाओं और धूप की लुकाछिपी जारी हो गई. महीने के आखिरी दिन पंचकूला, अंबाला, चंडीगढ़ समेत कई हिस्सों में दिन में करीब तीन एमएम बारिश हुई. शाम पांच बजे से फिर गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हुई, जो साढ़े सात बजे तक रुक-रुक कर होती रही. रोहतक में सबसे अधिक 8.6 एमएम बारिश हुई. महेंद्रगढ़, हिसार, सोनीपत, भिवानी, रेवाड़ी, फरीदाबाद समेत कई जिलों के ग्रामीण क्षेत्रों में आंधी के साथ तेज बारिश और ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान पहुंचा है.

महेंद्रगढ़ जिले के 50 गांवों में ओलावृष्टि की सूचना है. किसानों ने बताया कि ओलों से सरसों की अगेती फसलों को नुकसान होने का खतरा हो गया है. रेवाड़ी के खोल खंड में ओलावृष्टि से सरसों और गेहूं की फसल को 20 से 50 फीसदी तक नुकसान होने की आशंका है. बावल और कोसली में तेज अंधड़ से गेहूं की फसल गिर गई है. हालांकि चरखी दादरी, झज्जर, रोहतक समेत कई जिलों में जहां सिर्फ बारिश हुई, वहां गेहूं और सरसों की फसलों के लिए फायदेमंद बताई जा रही है. पूर्व शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने बताया कि महेंद्रगढ़ इलाके में ओले गिरने से सरसों की 80 फीसदी फसल नष्ट हो गई है. उन्होंने सीएम से फोन पर बातचीत कर गिरदावरी करवा कर मुआवजा देने की मांग की है.