अमेरिका ने अपने नागरिकों को भारत जाने से किया मना, कहा अगर किसी ने…

अमरीका से आने वाले पर्यटक अन्य राष्ट्रों की तुलना में सबसे अधिक हिंदुस्तान में रहते हैं. अमरीकी पर्यटक जहां 29 दिन तक रहता है. वहीं अन्य राष्ट्रों के लोग 22 दिनों तक ही रहते हैं.

 

फेथ का बोलना है कि अगर अमरीकी सरकार हिंदुस्तान के पक्ष में ट्रेवेल अडवाइजरी जारी करती है तो यह हिंदुस्तान में यात्रा को लेकर एक अच्छा माहौल बनाएगी. इससे पर्यटन उद्योग को बहुत ज्यादा राहत मिलेगी.

फेथ के अनुसार सरकार इसे अहमियत के आधार पर ले ताकि देश की छवि को कोई नुकसान न हो. फेथ के अनुसार इस समय पर्यटन उद्योग कोविड-19 महामारी की वजह बेहद बेकार स्थिति से गुजर रहा है.

जल्द ही हिंदुस्तान में यह उद्योग फिर से अपने आपको प्रारम्भ करने जा रहा है. 23 अगस्त को जारी इस ट्रेवेल अडवाइजरी में हिंदुस्तान के अतिरिक्त पाक, सीरिया, यमन, ईरान व इराक जैसे राष्ट्रों को शामिल किया गया है.

अमरीका का बोलना है कि हिंदुस्तान में कोरोना संकट है के साथ देश में क्राइम व आतंकवाद में बहुत ज्यादा तेजी देखने को मिली है. ऐसे में अमरीकी नागरिक हिंदुस्तान की यात्रा न करें.

अमरीका ने अपने एडवाइजरी में बोला कि स्त्रियों के विरूद्ध बढ़ रहे क्राइम व उग्रवाद का कारण भी यही है. वहीं, भारतीय टूरिज्म एंड हॉस्पिटलटी संघ (FAITH) ने हिंदुस्तान सरकार से मांग की है कि वे अमरीकी सरकार से ट्रेवेल अडवाइजरी में परिवर्तन कराए.

यही नहीं अमरीका ने हिंदुस्तान की यात्रा के लिए रेटिंग 4 निर्धारित की है. इससे सबसे बेकार श्रेणी में समझा जाता है. इस श्रेणी में हिंदुस्तान के साथ सीरिया, आतंकवाद का गढ़ पाकिस्तान, ईरान, इराक व यमन शामिल हैं.

हिंदुस्तान के साथ दोस्ती के तमाम दावे करने वाले अमरीका ने अपने नागरिकों को हिंदुस्तान में न जाने की सलाह दी है. अमरीका इसकी वजह हिंदुस्तान में बढ़ती महामारी का संकट, क्राइम व आतंकवाद को बताया है.