एक दावे के मुताबिक दोनों ही पक्षों के करीब एक लाख सैनिक पूर्वी लद्दाख में तैनात हैं। चीन वार्ता की टेबल पर तनाव घटाने की बात तो कर रहा है लेकिन जमीन पर वह लगातार अपनी सैन्य तैयारी को और ज्यादा मजबूत करने में जुटा हुआ है।
चीन की इस ताजा कार्रवाई का जवाब देने के लिए भारतीय तरूणमित्र लखन सेना ने भी अपनी तैनाती को बढ़ा दिया है। बता दें कि मॉस्को में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री जनरल वेइ फेंघे को बहुत कड़े अंदाज में अपना जवाब दिया था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने स्पष्ट शब्दों में कहा था कि पूर्वी लद्दाख में तनाव का एकमात्र कारण चीनी सैनिकों का आक्रमक रवैया है और ऐसा चलता रहा तो भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने इस इलाके में कई जगहों पर और ज्यादा सैनिक और साथ में काफी टैंक भी भेजे हैं। सैटलाइट से मिली तस्वीरों से पता चला है कि चीन इन इलाकों में नए सैन्य ठिकाने बनाने में जुट गया है।
चीन की इस कार्रवाई से यह साफ नजर आ रहा है कि भारत और चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच मास्को में वार्ता के बाद भी तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा है। चीन अब सभी गतिरोध वाली जगहों पर और ज्यादा सैनिक तथा टैंक तैनात कर रहा है।
बीते कुछ महीने से चीन लगातार दो तरह की रणनीति पर काम कर रहा है एक तरफ तो वो कूटनीतिक व सैन्य बातचीत कर रहा है। वहीं दूसरी तरफ अपनी सेना के जरिए वो लगातार भारतीय जवानों को उकसाने की कोशिश कर रहा है।
पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो झील के दक्षिणी किनारे पर भारतीय सेना की मुस्तैदी के चलते पीछे हटी चीनी सेना अभी भी आक्रामक बनी हुई है। प्राप्त जानकारी के अनुसार सैटलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि चीन गतिरोध वाले प्वाइंट्स पर अपनी स्थिति को और ज्यादा मजबूत कर रहा है।