जमीन विवाद में पूर्व विधायक की हुई हत्या, चौकी प्रभारी निलंबित

मीडिया से संजीव ने कहा, ‘हमारी पुश्तैनी जमीन पर एक मामला लंबित है और लॉकडाउन व पुलिस मौजूदगी के बावजूद दूसरे पक्ष के 50-60 लोग आए थे। वे जमीन की जुताई कर रहे थे और जब हमने उन्हें रोका, तब उन्होंने मुङो पीटना शुरू कर दिया।’

 

उन्होंने आगे कहा, ‘जब मेरे पिता ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की, तो उन्होंने उन्हें भी पीटा। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। हम उन्हें स्थानीय लोगों के सहयोग से पलिया के एक अस्पताल ले गए।

इससे पहले, दिवंगत विधायक के परिवार के आरोपों को खारिज करते हुए, लखीमपुर खीरी के एसएसपी सतेंद्र कुमार ने कहा था कि पूर्व विधायक दूसरे पक्ष के साथ बहस के दौरान जमीन पर गिर पड़े थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया है और इसमें चोटों का कोई जिक्र नहीं है।

तीन बार के विधायक को अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया। मुन्ना और उनके बेटे, संजीव पर पूर्व में इसी मामले में सीआरपीसी की धारा 107/116 के तहत ‘शांति भंग’ करने का आरोप लगाया गया था।

उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार ने लखीमपुर खीरी जिले में पूर्व विधायक निर्वेद्र कुमार मुन्ना की मौत की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन किया है।

जमीन के विवाद में रविवार को मुन्ना की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। समिति में एएसपी खीरी, सर्कल ऑफिसर सिधौली और क्राइम ब्रांच के इंस्पेक्टर शामिल हैं।

समिति सर्कल ऑफिसर कुलदीप कुकरेती और अन्य पुलिसकर्मियों की भूमिका की जांच करेगी और तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट देगी। कुकरेती को पुलिस मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया है.

जबकि एक चौकी प्रभारी और दो बीट कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। घटना को लेकर विपक्ष द्वारा राज्य सरकार पर तीखा हमला करने के बाद यह कदम उठाया गया।