तालिबान ने ब्रिटेन के अधिकारियों से की मुलाकात, जानिए क्या है पूरा मामला

तालिबान ने अफगानिस्तान में सत्ता संभालने के बाद पहली बार ब्रिटेन के अधिकारियों से मुलाकात की है। इस मुलाकात से तालिबान को उम्मीद है कि अफगानिस्तान की आर्थिक हालात कुछ बेहतर हो सकेगी।

बता दें कि अफगानिस्तान आर्थिक पतन के मुहाने पर खड़ा है। तालिबान ने इस बातचीत के दौरान बताया है कि उसने इस्लामिक स्टेट से जुड़े 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। ब्रिटेन के राजनयिकों के साथ यह बैठक ईरानी प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात के एक दिन बाद हुई है।

इस बैठक के बाद दोहा में ब्रिटेन के मिशन के प्रभारी मार्टिन लॉन्गडेन ने ट्वीट कर कहा कि तालिबान नेतृत्व के साथ मानवीय संकट, आतंकवाद, महिला अधिकारों सहित कई मसलों पर विस्तार से बातचीत हुई है।

तालिबान शासन को मान्यता देने को लेकर लॉन्गडेन ने कहा कि यह शुरुआती दिन हैं और हमारे बीच काफी अभी मतभेद हैं। तालिबान ने एक बयान में कहा है कि वह सभी देशों के साथ बेहतर संबंध के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिकी खातों में जमा अफगान संपत्ति का जिक्र करते हुए तालिबान ने कहा है कि इसके बदले में हम चाहते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय अफगान राष्ट्र की नकद पूंजी हमारे देश को लौटाए।

तालिबान के प्रवक्ता बिलाल करीमी ने कहा कि तालिबान ने ईरान के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ व्यापार को विनियमित करने के लिए मुलाकात की। दोनों पक्ष इस्लाम कला सीमा पार व्यापार के घंटों को प्रतिदिन आठ घंटे से बढ़ाकर 24 करने और टैरिफ के संग्रह को बेहतर ढंग से विनियमित करने और रोडवर्क में सुधार करने पर सहमत हुए हैं।

बता दें कि सीमा शुल्क अफगानिस्तान के घरेलू राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है। अफगानिस्तान, एक सहायता पर निर्भर देश, लिक्विडिटी क्राइसिस से जूझ रहा है क्योंकि अमेरिका में संपत्तियां जमी हुई हैं। यूनाइटेड नेशंस ने देश की गंभीर स्थिति को लेकर लगातार अलर्ट करते हुए कहा है कि मानवीय संकट नजदीक है। कहा है कि अफगानिस्तान के 5 साल से कम उम्र के आधे बच्चे गंभीर कुपोषण से पीड़ित हो सकते हैं क्योंकि गंभीर भोजन की कमी की आशंका है।