तालिबान ने अमेरिका को चेताया, कह डाली ये बात

तालिबान की तरफ से कहा गया है कि हक्कानी का परिवार भी इस्लामिक अमीरात का हिस्सा है, वह कोई अलग नहीं है। ऐसे में दोहा एग्रीमेंट के तहत इस्लामिक अमीरात के सभी सदस्यों को संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका की ब्लैकलिस्ट से तुरंत हटा देना चाहिए।

इसकी मांग लंबे वक्त से है। आपको बता दें कि तालिबान सरकार को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय यानी व्हाइट हाउस ने कहा है कि अमेरिका अफगानिस्तान में नयी अंतरिम सरकार को मान्यता देने की हड़बड़ी में नहीं है और वह अपने नागरिकों को संकटग्रस्त देश से निकालने के लिए तालिबान से बातचीत कर रहा है।

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा,” इस प्रशासन से कोई नहीं, न तो राष्ट्रपति और न ही राष्ट्रीय सुरक्षा दल से कोई यह मानेगा कि तालिबान वैश्विक समुदाय का सम्मानित एवं महत्त्वपूर्ण सदस्य है। उन्होंने किसी भी तरह से अपनी साख ऐसी नहीं बनाई है और न ही हमने ऐसा कभी कहा है। यह कार्यवाहक मंत्रिमंडल है जिसमें जेल भेजे जा चुके चार तालिबान लड़ाके भी शामिल हैं।

अफगानिस्तान में अपनी केयर टेकर सरकार बनाने के बाद अब तालिबान ने सीधे अमेरिका को चेताया है। दरअसल हाल ही में अमेरिका ने तालिबान की नई सरकार को लेकर कहा था कि उसे इस सरकार को मान्यता देने की कोई जल्दी नहीं है क्योंकि अभी उनपर भरोसा नहीं किया जा सकता है। अमेरिका की तरफ से कहा गया है कि सरकार में जिन लोगों को जोड़ा गया है, उनका ट्रैक रिकॉर्ड विश्वास करने वाला नहीं है।

अमेरिका ने खास कर हक्कानी नेटवर्क के खूंखार संचालक सिराजुद्दीन हक्कानी को मंत्रिमंडल में शामिल किये जाने की आलोचना भी की थी। अमेरिका ने तालिबान के प्रधानमंत्री अखूंदजदा को ब्लैकलिस्टेड कहा था और यह भी कहा था कि हक्कानी एफबीआई की वांटेड सूची में शामिल है। लेकिन अमेरिका के इस बयान पर तालिबान बौखला गया है। तालिबानी प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि ब्लैकलिस्ट को लेकर यूएस ने जो स्टैंड लिया है तो दोहा एग्रीमेंट का उल्लंघन है।