तालिबान ने इन 6 देशों को दिया न्योता, वजह जानकर काँप उठे लोग

अफगानिस्तान और अमेरिका के साथ सालों से जारी युद्ध में पाकिस्तान एकमात्र ऐसा देश रहा है जो तालिबान का समर्थक है। अमेरिका भी यह मानता है कि अगर पाकिस्तान में तालिबान का ‘मुख्यालय’ नहीं होता तो विदेशी ताकतों का अफगानिस्तान में ऐसा अंत न होता।

तालिबान ने लगातार पाकिस्तान को अपना दूसरा घर बताया है। हाल ही पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि पाकिस्तान, तालिबान का ‘संरक्षक’ रहा है और लंबे वक्त तक उनकी देखभाल की है। पाकिस्तान, तालिबान शासन को मान्यता देने वाला सबसे पहला देश हो सकता है।

पिछली बार तालिबान सरकार को सिर्फ तीन देशों ने मान्यता दी थी। ये देश सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और पाकिस्तान थे। लेकिन अबकी तालिबान सरकार को दुनिया में एकदम से अलग-थलग रहने की संभावना बेहद कम है। तालिबान के अब कई देशों के संबंध हैं और कई देशों से संबंध बन रहे हैं। हालांकि अधिकतर देश अभी तालिबान को मान्यता देने से पहले ‘रुको और देखो’ की नीति अपना रहे हैं।

काबुल पर कब्जा करने के 20 दिन से अधिक बीत जाने के बाद भी तालिबान ने अब तक सरकार की घोषणा नहीं की है। लेकिन उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए तालिबान ने छह अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों को पहले ही निमंत्रण दे दिया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक तालिबान ने उद्घाटन समारोह में भाग लेने के लिए रूस, चीन, तुर्की, ईरान, पाकिस्तान और कतर को आमंत्रित किया है।