तालिबान ने पाकिस्तान को दिया ये बड़ा झटका , दे डाली ये चेतावनी

तालिबान की यह फटकार, पाकिस्तान के लिए यह किसी बड़े झटके से कम नहीं है, क्योंकि कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान ने तालिबान से टीटीपी के आतंकियों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा था।

साथ ही पाकिस्तान को यह उम्मीद थी कि काबुल पर तालिबान के कब्जे के बाद उसकी बातें सुनी जाएगी, जैसा की गनी सरकार में नहीं होता था। मगर अब जबकि तालिबान ने फटकार लगा दी है, तो अब देखने वाली बात होगी कि पाकिस्तान इस पर क्या रिएक्ट करता है।

हालांकि, मुजाहिद ने दोहराया कि तालिबान किसी को भी दूसरे देश के खिलाफ अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं देगा। मुजाहिद ने कहा, ‘हमारा सिद्धांत यह है कि हम किसी और देश में शांति को नष्ट करने के लिए अपनी धरती का इस्तेमाल किसी को नहीं करने देंगे।’

उन्होंने कहा कि अगर टीटीपी यानी तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, अफगान तालिबान को अपना नेता मानता है तो उन्हें उनकी बात सुननी होगी, चाहे वे इसे पसंद करें या नहीं। बता दें कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) आतंकवादी समूह से संबंधित कई आतंकवादियों को तालिबान ने काबुल पर नियंत्रण करने के बाद अफगानिस्तान की जेलों से रिहा कर दिया है।

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) का मुद्दा इमरान खान सरकार को हल करना चाहिए, न कि अफगानिस्तान को।

शनिवार को जियो न्यूज के साथ एक साक्षात्कार में प्रवक्ता मुजाहिद ने कहा, ‘टीटीपी एक ऐसा मुद्दा है, जिससे पाकिस्तान को निपटना होगा, अफगानिस्तान को नहीं। यह पाकिस्तान, पाकिस्तानी उलेमाओं और धार्मिक हस्तियों की जिम्मेदारी है, तालिबान की नहीं।’

जिस उम्मीद में पाकिस्तान तालिबान का समर्थन कर रहा था, पीएम इमरान खान की उसी उम्मीदों का तगड़ा झटका लगा है। पाकिस्तान चाहता था कि तहरीक-ए-तालिबान की समस्या सुलझाने में तालिबान उसकी मदद करेगा, मगर काबुल पर कब्जा जमाने वाले संगठन ने ऐसा करने से इनकार कर दिया है।

तालिबान ने पाक से दो टूक कहा है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, पाकिस्तान की समस्या है, उसे ही खुद सुलझाना होगा न कि अफगानिस्तान को। तालिबान ने साफ शब्दों में कहा है कि वह किसी और के लिए अफगान की धरती का इस्तेमाल नहीं होने देगा।