दिल्ली के हालात हुए खराब, रातों रात बना एक और…

इस विधेयक में भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए आवश्यक 11 वर्ष तक भारत में रहने की शर्त में भी ढील देते हुए इस अवधि को केवल 5 वर्ष तक भारत में रहने की शर्त के रूप में बदल दिया गया है।

सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन में अब तक सबसे ज्यादा शाहीन बाग का धरना विवादों में रहा। अभी शाहीन बाग खाली भी नहीं हुआ कि दिल्ली में दूसरा शाहीन बाग तैयार हो गया।

दरअसल, शनिवार रात दिल्ली के जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे से गुजरने वाली सड़क पर मुस्लिम समुदाय की औरतों ने धरना दे दिया और सीएए-एनआरसी के विरोध में नारेबाजी शुरु कर दिया।

इस धरने के कारण मौजपुर और यमुना विहार जाने वाला रास्ता बंद हो गया। खबर मिलते ही जाफराबाद में सुरक्षाबलों की तैनाती की गई साथ ही पैरा मिलिट्री फोर्स भी सुरक्षा में जुट गई।

इसके अलावा महिला पुलिसकर्मियों को भी स्थल पर तैनात किया गया। प्रदर्शनकारियों ने एक छोटा सा मंच भी तैयार कर लिया था जिसे सुरक्षाबलों ने तोड़ दिया।

मीडिया रिपार्ट के मुताबिक आधी रात को प्रदर्शनकारी महिलाएं सीलमपुर रेड लाइट से जाफराबाद मेट्रो स्टेशन की ओर कूच कीं और जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सड़क पर बैठ गईं।

प्रदर्शन में बड़ी तादाद में बुर्का पहनीं औरतें शामिल हैं। इन्होंने कैंडल जलाकर सीएए के खिलाफ नारेबाजी करनी शुरु कर दी हालांकि रात ज्यादा होने के बाद भीड़ कम हो गई। जाफराबाद में प्रदर्शन के कारण मेट्रो स्टेशन को बंद कर दिया गया है।

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (Citizenship (Amendment) Act, 2019) भारत की संसद द्वारा पारित एक अधिनियम है जिसके द्वारा सन 1955 का नागरिकता कानून को संशोधित करके यह व्यवस्था की गयी है .

31 दिसम्बर सन 2014 के पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिन्दू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी एवं ईसाई को भारत की नागरिकता प्रदान की जा सकेगी।