गणतंत्र दिवस को लेकर मोदी सरकार ने शुरू की ये तैयारी, जानिए कुछ और रोचक बातें

गणतंत्र दिवस की भव्य परेड देश की एकता अखंडता सांस्कृतिक विविधता और सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करने के लिए आयोजित की जाती है.

 

गणतंत्र दिवस की भव्य परेड नई दिल्ली स्थित राजपथ पर आयोजित की जाती है. लेकिन क्या आप जानते हैं 1950 से लेकर 1954 ईस्वी तक परेड का आयोजन स्थल राजपथ नहीं हुआ करता था?

इन वर्षों के दौरान 26 जनवरी की परेड का आयोजन क्रमशः इरविन स्टेडियम (अब नेशनल स्टेडियम), किंग्सवे, लाल किला और रामलीला मैदान में किया गया था.

26 जनवरी की परेड की शुरुआत राष्ट्रपति के आगमन के साथ होती है. सबसे पहले राष्ट्रपति के घुड़सवार अंगरक्षकों के द्वारा तिरंगे को सलामी दी जाती है, उसी समय राष्ट्रगान बजाया जाता है और 21 तोपों की सलामी दी जाती है.

हालांकि वास्तव में 21 तोपों से फायरिंग नहीं होती है, बल्कि भारतीय सेना के 7 तोपों, जिन्हें “25 पौन्डर्स” कहा जाता है, के द्वारा तीन-तीन राउंड की फायरिंग की जाती है.

26 जनवरी 1955 में राजपथ पर आयोजित पहले गणतंत्र दिवस समारोह में पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद विशेष अतिथि बने थे.गणतंत्र दिवस पर हर साल राजपथ पर परेड होती है.

26 जनवरी को होने वाली परेड की तैयारी तेजी से चल रही है. 17, 18, 20 और 21 जनवरी को गणतंत्र दिवस परेड की रिहर्सल होगी.

गणतंत्र दिवस की भव्य परेड में भारतीय सेना के विभिन्न रेजिमेंट, वायुसेना, नौसेना आदि सभी भाग लेते हैं. इसके साथ ही परेड में झांकियां निकाली जाती हैं.

इस बार जिन 15 विभागों की गणतंत्र दिवस परेड में झांकी निकलेंगी, उनमें कृषि विभाग की दो झांकियां शामिल हैं. इसके साथ ही जेल, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, समाज कल्याण, नगरीय प्रशासन, ऊर्जा विभाग, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति, महिला एवं बाल विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, लोक निर्माण, वन, जल संसाधन, ग्रामोद्योग, संस्कृति एवं पर्यटन तथा कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान और प्रौद्योगिक विभाग की एक-एक झांकी परेड में शामिल होंगी.