सर्वोच्च कोर्ट के आदेश के मुताबिक अब सरकार को 3 महीने के अंदर ही राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाना होगा। सूत्रों के अनुसार, यह संभव है कि गुजरात के सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट की तर्ज पर ही अयोध्या का राम मंदिर ट्रस्ट बनाया जाए।
हालांकि यह संभव है कि सरकार एक हफ्ते में ही ट्रस्ट का गठन कर दे। सोमनाथ मंदिर ट्रस्ट में महज 6 मेम्बर हैं, लेकिन सरकार अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के सदस्यों की संख्या व अधिक कर सकती है।
सूत्रों के अनुसार, ट्रस्ट के मेम्बर के चयन व मंजूरी में पीएम नरेंद्र मोदी की किरदार भी अहम हो सकती है। ट्रस्ट में जहां राम जन्मभूमि न्यास, निर्मोही अखाड़ा के अलावा कुछ बड़े धर्मगुरु शामिल किए जा सकते हैं, वहीं दूसरी तरफ समाज के कुछ वरिष्ठ नागरिक, राम मंदिर से सम्बंधित संगठनों को भी इसमें जोड़ा जा सकता है।
इतना ही नहीं ट्रस्ट का कार्य तेज गति से हो व कार्यशैली कुशल रखने के लिए केन्द्र व प्रदेश सरकार के नुमाइंदे भी इसमें शामिल हो सकते हैं। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी खुद राम मंदिर से सम्बंधित प्रगति पर नजर रख पाएं, इसके लिए पीएम ऑफिस से भी किसी को भी इसमें शामिल किया जा सकता है। हालांकि ट्रस्ट बनाने के लिए यह आवश्यक है कि उसका कार्यक्षेत्र तय किया जाए व उसके हर मेम्बर की जिम्मेदारी भी निर्धारित हो।