अगले हफ्ते भारत और चीन के बीच हो सकता है ये, जानें- कहां फंस रहा पेंच…

एक वरिष्ठ सैन्य कमांडर के मुताबिक मुद्दा यह है कि पैंगॉन्ग त्सो के उत्तर और दक्षिण दोनों किनारों पर भारतीय सेना का का मानना है कि यहां पीछे हटने पर चीन फायदा ले सकता है.

 

ये ऊंचे पहाड़ी दर्रों से होकर गुज़रते हैं, ऐसे में एक साथ इन प्वॉइन्ट्स से ध्यान नहीं हटाया जा सकता. 17,590 फीट चांग ला और 18,314 फीट मार्सिमिक ला दोनों ही महत्वपूर्ण हैं.

लेह से पैंगॉन्ग त्सो के दक्षिणी तट पर स्थित मार्सिमिक ला, झील और कोंग्का ला के बीच के उत्तरी तट के बीच स्थित है. कोंगो-ला के पास गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स से जाने वाली सड़क पंगोंग त्सो, मार्सिमिक ला के साथ है.

हिन्दुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने प्रस्ताव दिया है कि दोनों पक्ष हथियार और आर्टिलरी इकाइयों को वापस लें, उसके बाद पैदल सेना इन बिंदुओं से पीछे हटाई जाए.

भारतीय पक्ष इस बात पर ज़ोर दे रहा है कि अर्टिलरी यूनिट्स को तब तक पीछे नहीं हटाया जा सकता जब तक पैदल सेना पीछे नहीं हटती, क्योंकि ऐसी स्थिति में दूसरा पक्ष लाभ ले सकता है.

पूर्वी लद्दाख (East Ladakh) में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन के बीच पिछले पांच महीने से जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए भारत-चीन सैन्य और कूटनीतिक स्तर की बातचीत का आठवां दौर अगले हफ्ते तक होने की उम्मीद है.

इस दौरान दोनों देशों की सेनाएं 1,597 किमी लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बर्फ और सर्दियों की तैनाती के लिए तैयार हैं. दोनों पक्षों ने सैन्य कमांडर और राजनयिक दोनों स्तरों पर संवाद चैनलों को खुला रखने का फैसला किया है.