अगले दो साल चीन को पड़ेंगे भारी, करना होगा ये काम

विश्व स्वास्थ्य सभा की वर्चुअल मीटिंग का उद्घाटन करते हुए संयुक्त देश के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने बोला कि कई राष्ट्रों ने महामारी को लेकर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी की गई गाइडलाइन की अनदेखी की.

 

 

इस वजह से कई देश इसकी भारी मूल्य चुका रहे हैं. डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एधानोम घेब्रेयसस ने 120 राष्ट्रों के वायरस को लेकर जाँच प्रस्ताव पर स्वतंत्र जाँच कराने की बात कही.

कोरोना को लेकर स्वतंत्र जाँच के लिए ऑस्ट्रेलिया ने ये ड्रॉफ्ट तैयार किया है. हिंदुस्तान के अतिरिक्त 89 राष्ट्रों ब्रिटेन, जापान, ब्राजील, कनाडा, न्यूजीलैंड, दक्षिण कोरिया, तुर्की, रूस, इंडोनेशिया, मैक्सिको व यूरोपीय संघ के 27 मेम्बर राष्ट्रों ने समर्थन किया. दूसरी ओर ताइवान को पर्यवेक्षक का दर्जा देने को लेकर चाइना ने विरोध किया है. इस कारण वह सभा में शामिल नहीं हो रहा है.

चीन के विरूद्ध कोरोना वायरस के जाँच प्रस्ताव पर हिंदुस्तान समेत सार्क के तीन राष्ट्रों को छोड़कर किसी देश ने समर्थन नहीं किया है.

नौ सौ मौतों के बाद पाक और नेपाल, श्रीलंका, मालदीव व अफगानिस्तान ने प्रस्ताव पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं. सिर्फ बांग्लादेश व भूटान ने ही हस्ताक्षर किए हैं.

भारत में चीनी राजदूत सन वेइदॉन्ग ने ट्विटर हैंडल से लिखा है कि हमारे राजनयिक संबंधों की 70वीं वर्षगांठ पर कोरोना के विरूद्ध एक साथ लडऩा होगा. इससे पहले चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने ट्विटर हैंडल से लिखा है था कि चाइना के वुहान शहर में सबसे पहला मुद्दा कोरोना वायरस आया, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि वायरस वुहान में उत्पन्न हुआ है.

गौरतलब हो कि दिसंबर 2019 में चाइना के वुहान से प्रारम्भ हुआ तीन माह में ही पूरी संसार में फैल गया. इससे 48 लाख से ज्यादा संक्रमित, तीन लाख से ज्यादा की मृत्यु हो चुकी है. हिंदुस्तान में 96,169 संक्रमित और 3,029 लोगों की मृत्यु हो चुकी है.

दुनिया स्वास्थ्य सभा के वर्चुअल संबोधन में शी जिनपिंग ने बोला कि दुनिया की स्थिति सामान्य होने के बाद इसकी जाँच की जानी चाहिए.

संसार की अहमियत लोगों को बचाने की होनी चाहिए. चाइना कोरोना से निपटने के लिए अगले दो साल में डब्ल्यूएचओ को 15000 करोड़ रुपए की मदद देगा.

गौरतलब हो कि चाइना के विरूद्ध यूरोपीय संघ और हिंदुस्तान समेत संसार के 120 देश वायरस के विरूद्ध जाँच स्वतंत्र और निष्पक्ष जांक की मांग को लेकर एकजुट हो गए हैं.