सामने आई ये बड़ी खबर , मारे गए चीन के सैनिक , किया था ये काम, जानिए पूरी सच्चाई…

चीन को यह मानने में 3 महीने से ज्यादा समय लग गया कि गलवान घाटी में उसके सैनिकों की मृत्यु हुई है और यह मानने के बाद भी वह अपना झूठा प्रोपेगेंडा चला रहा है।

 

हो सकता है कि आगे चलकर जब चीन के ऊपर अपनी जनता का दबाव बढ़े तो वह पूरी सच्चाई जनता के सामने रखे लेकिन फिलहाल वह दुनिया के सामने झूठ ही फैला रहा है।

अपना प्रोपेगेंडा चलाते हुए ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू जिन ने ट्वीट में रक्षा मंत्री के इस बयान को गलत बताया और कहा कि उनकी जानकारी कहती है कि भारत के मुकाबले उनके कम सैनिक मारे गए हैं।

ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने यह भी कहा कि किसी भी चीनी सैनिक को भारतीय सेना ने बंदी नहीं बनाया था जबकि चीन की सेना ने कई भारतीय सैनिकों को बंदी बनाया था।

14 जून की रात को लद्दाख की गलवान घाटी Galwan Valley) में वास्तविक नियंत्रण रेखा LAC) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी झड़प हुई थी और भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे, चीन को भी भारी नुकसान हुआ था और ऐसा माना जाता है कि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक इस झड़प में मारे गए हैं।

गुरुवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह Rajnath Singh) ने संसद में बयान दिया कि भारतीय सैनिकों Indian Army) के साथ झड़प में चीन के सैनिकों को भारी नुकसान हुआ है।

चीन के प्रोपेगेंडा अखबार ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने पहली बार माना है कि 14 जून की रात को गलवान घाटी Galwan Valley) में भारतीय सैनिकों Indian Army) के साथ झड़प में चीन के सैनिकों की मौत हुई है।

हालांकि, ग्लोबल टाइम्स पूरी तरह से चीन का प्रोपेगेंडा चलाता है और उसका संपादक इसी काम को अंजाम देता है। ग्लोबल टाइम्स के संपादक ने यह तो मान लिया कि गलवान घाटी में चीन के सैनिकों की मौत हुई है लेकिन साथ में यह भी कह दिया कि झड़प में भारत के मुकाबले चीन के कम सैनिक मारे गए हैं।