नेपाल के पर्यटन विभाग के महानिदेशक रुद्र सिंह तमांग ने कहा, ”सभी पर्यटकों को यहां आने की अनुमति नहीं होगी। सिर्फ पहले से अनुमति हासिल करने वाले पर्वतारोहियों को ही नेपाल आने की इजाजत होगी। ”
उन्होंने कहा, ”हम पर्यटन के उन क्षेत्रों को खोल रहे हैं, जिन्हें हमें लगता है कि हम संभाल सकते हैं। हम आगमन पर वीजा नहीं दे रहे हैं। अब पर्यटकों को पूर्वानुमति लेनी होगी।
यात्रा क्रम की जानकारी देनी होगी। स्थानीय वस्त्र कंपनी की सेवाएं लेनी होंगी। इसके अलावा उनका स्वास्थ्य बीमा होना चाहिये, जिसमें कोविड-19 का इलाज भी शामिल हो।
हालांकि सरकार ने रोक हटाने के साथ-साथ कुछ नियम भी तय किये हैं। इनके तहत मुख्य रूप से नेपाल की प्रमुख चोटियों पर चढ़ाई करने वालों की सीमा तय की गई है। दुनियाभर के 14 सबसे ऊंचे पर्वतों में से आठ पर्वत नेपाल में हैं। इनमें सबसे ऊंचा पर्वत माउंट एवरेस्ट भी शामिल है।
विदेशी पर्यटक नेपाल की अर्थव्यवस्था का प्रमुख स्रोत हैं। कोरोना वायरस के चलते लगाई गई रोक के कारण पर्यटन उद्योग में काम करने वाले लगभग 8 लाख लोग प्रभावित हुए हैं।
तीन नवंबर (एपी) नेपाल ने कोरोना वायरस महामारी के कारण लगाई गई पर्वतारोहण पर रोक को सात माह बाद हटा लिया है। पर्वतारोही अब फिर हिमालय समेत देश में स्थित अन्य पर्वत चोटियों पर विजय पताका फहराने का अपना अभियान शुरू कर सकेंगे।