दिल्ली में रात 10 बजे से लागू होगा ये नया कानून, सिर्फ मुसलमान होंगे…

दिल्ली में हुई हिंसा में कई जान-माल का नुकसान हुआ जिसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 तक पहुंच गई, साथ ही 56 पुलिसकर्मियों समेत करीब 200 लोग घायल हो गए हैं.

दिल्ली में भड़की हिंसा में अबतक 34 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि तकरीबन 200 लोग घायल हुए हैं। हिंसा प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों की दिल्ली पुलिस लगातार मदद करने की कोशिश में जुटी है।

दिल्ली के करावल नगर इलाके में पुलिस की बैरिकेडिंग से महज 100 मीटर दूर जब उपद्रवी नारेबाजी करते हुए लोगों के दरवाजे खटखटा रहे थे। लेकिन सीमा पार गाजियाबाद पुलिस ने जब इन उपद्रवियों के गुट को देखा तो स्थानीय लोगों की मदद के लिए आगे आई।

उत्तर पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी में हिंसा के बाद सुरक्षा बेहद कड़ी है। नॉर्थ ईस्ट दिल्ली के चांदबाग इलाके से नाले से दो और शव बरामद हुए हैं। शव पर चाकू के निशान मिले हैं। कल आईबी कांस्टेबल का भी शव नाले से ही मिला था।

मौके पर बड़ी संख्या में सुरक्षा कर्मी मौजूद है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है। दिल्ली हिंसा मामले में ज्ञापन सौंपने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पार्टी के नेता राष्ट्रपति भवन पहुंच गए हैं।

उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोधी हिंसा में गुरुवार तक मरने वालों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है, जबकि 250 से ज्यादा लोग जख्मी बताए जा रहे हैं।

देश की राजधानी दिल्ली के उत्तर-पूर्वी इलाके में बीते दिनों काफी हिंसा देखने को मिली। मरने वालों की संख्या 32 हो गई है और 200 से अधिक लोग घायल हैं। दो समुदायों के बीच शुरू हुआ ये विवाद कब सांप्रदायिक बन गया, किसी को पता ही नहीं चला। इस दौरान तोड़फोड़ और आगजनी की बहुत सी घटनाएं सामने आईं। लोगों के वाहनों, दुकानों और घरों को दंगाइयों ने आग के हवाले कर दिया।

इस बीच एकता और भाईचारे की मिसाल कायम करती कुछ कहानियां भी सामने आई हैं।टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, जहां एक ओर दिल्ली के बाकी इलाकों में हिंसा दिख रही थी.

वहीं शिव विहार में स्थित इंदिरा विहार में लोगों ने एक दूसरे की मदद की। इस इलाके में 3200 घर हैं, जिनमें से करीब 8 घरों में हिंदू परिवार रहते हैं।

इस दौरान हिंदुओं और मंदिर की सुरक्षा के लिए इलाके के सभी मुस्लिम लोग आगे आए। यहां रहने वाले वसीम ने कहा, ‘चाहे दिवाली हो या अंतिम संस्कार, हम हमेशा एक दूसरे के साथ होते हैं।

‘इंदिरा विहार में बुधवार को तीन मुस्लिम युवकों ने एक मंदिर की रक्षा की। यहां रहने वालों का कहना है, ‘हम हमेशा एकसाथ शांति से रहते हैं। पूजा करने की एक जगह को नुकसान पहुंचाया गया है।’

यहीं पास में स्थित एक घर के नीले रंग के दरवाजे के बाहर कागज पर लिखा है, ‘परवेज अंसारी’। दीवार को कपड़े से ढंका गया है। जिसपर हिंदू देवी देवताओं के चित्र हैं।

ये वैसे तो अचार का काम करने वाले हिंदू शख्स का घर है, लेकिन घर के बाहर किसी और नाम का नेमप्लेट लगाने से यहां रहने वाले परिवार की जान बच गई।