दुनिया की सबसे महंगी कार बनी ये, कीमत जानकर छूटे लोगो के पसीने

1963 में निर्मित, फेरारी 250 जीटीओ मॉडल दुनिया की सबसे दुर्लभ और सबसे वांछनीय कारों में से एक है।जिसका निर्माण केवल 36 यूनिट ही अभी तक बनाया गया है।

 

इस विशेष मॉडल (4153 जीटी) ने 1964 में, प्रसिद्ध टूर डे फ्रांस को टीम के साथी  लुसिएन बिआंची और जॉर्जेस बर्जर को पहिया के पीछे से जीता।

250 GTO में 3-लीटर V12 इंजन है, जो इसे 6.1 सेकंड में 0 से 60 मील प्रति घंटे की गति देने में सक्षम है, जिसकी अधिकतम गति 174 मील प्रति घंटे है। यह 250 जीटीओ मॉडल जर्मनी में वर्ष के लिए आधारित है, लेकिन दुनिया भर में इसका प्रदर्शन किया गया है। सूत्रों के अनुसार, खरीदार, वाहन सहायक उपकरण बनाने वाली कंपनी वेदरटेक के सीईओ डेविड मैकनील हैं।

डेविड एक अनुभव कार रेसर होने के साथ-साथ एक शौकीन कार कलेक्टर भी है, जिसके कब्जे में 8 से अधिक अन्य फेरारी मॉडल हैं।दुनिया में बहुत किस्म कि कार होती है।

कुछ कर महंगी होती है तो कुछ सस्ती होती है।कुछ कर को ऑक्शन में बेचा जाता है।2018 में  मई में हुए एक ऑक्शन में अमेरिका के डेविड मैकनील (यूएस) ने विश्व की सबसे महंगी कार खरीदी है।

इस कार कि कीमत इतनी है कि पूरा शहर खरीदा जा सके। एक निजी बिक्री में बेची जाने वाली सबसे महंगी कार 1963 फेरारी 250 जीटीओ (4153 जीटी) रेसर है, जो     $ 70,000,000  करीब 5 अरब 34 करोड़ रुपए।